Edited By Tamanna Bhardwaj,Updated: 21 Aug, 2019 12:27 PM
उत्तर प्रदेश सरकार के पेट्रोल और डीजल पर मूल्य संवर्धित कर (वैट) बढाने के फैसले पर विपक्ष ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुये इसे गरीब और मध्यम वर्ग की मुश्किलों में इजाफा करने वाला कदम करार दिया। समाजवादी पार्टी (सपा),कांग्रेस, बहुजन समाज पार्टी...
लखनऊः उत्तर प्रदेश सरकार के पेट्रोल और डीजल पर मूल्य संवर्धित कर (वैट) बढाने के फैसले पर विपक्ष ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुये इसे गरीब और मध्यम वर्ग की मुश्किलों में इजाफा करने वाला कदम करार दिया। समाजवादी पार्टी (सपा),कांग्रेस, बहुजन समाज पार्टी (बसपा) और राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) ने योगी सरकार के फैसले को निराशाजनक करार दिया वहीं आम जनता के बीच इस फैसले पर मिली जुली प्रतिक्रिया सामने आयी है।
बसपा सुप्रीमो मायावती ने मंगलवार को ट्वीट किया ‘‘ यूपी बीजेपी सरकार द्वारा पेट्रोल व डीजल की कीमत में भारी वृद्धि महंगाई बढ़ाने व करोड़ों गरीब व मध्यम वर्गीय परिवारों के पेट पर लात मारने वाला क्रूर कदम है। बदतर क़ानून-व्यवस्था, महंगाई व बेरोज़गारी से त्रस्त जनता का दु:ख और बढ़ेगा। सरकार जनहित पर ध्यान केन्द्रित करे तो बेहतर है। ''
सपा अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा लोकसभा चुनाव से पहले पिछले साल अक्टूबर महीने में पेट्रोल-डीजल पर वैट घटाना जनता के साथ छलावा था। अंतररष्ट्रीय बाजार में कीमतें कम होने के बावजूद उत्तर प्रदेश में पेट्रोल-डीजल के दामों में बढ़ोत्तरी के लिए वैट लागू कर लोगों पर नया भार डाला जा रहा है।
रालोद प्रवक्ता अनिल दुबे ने कहा कि सरकार का फैसला आम जनता और किसानों के साथ विश्वासघात है। लोकसभा चुनाव को लेकर केन्द्र और प्रदेश की सरकारों ने जनता को ठगने के लिए पहले पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कमी की और किसानों का वोट लेने के लिए किसानो को सम्मान निधि देकर लोकसभा चुनाव में वोट ले लिया और अब वोट लेने के बाद जनता को भगवान भरोसे छोड दिया है। पेट्रोल और डीजल के दामों में भारी वृद्वि कर दी है। बिजली के दामों से पहले से त्रस्त जनता अब पेट्रोल डीजल की मार झेलेगी जिससे उसकी कमर ही टूट जायेगी।