Edited By Anil Kapoor,Updated: 04 May, 2020 02:36 PM
कोरोना वायरस की वजह से पूरे देश में लॉकडाउन जारी हैं। ऐसे में हर क्षेत्र, हर वर्ग के लोग 42 दिनों से चले आ रहे लॉकडाउन से काफी प्रभावित हुए हैं। इस दौरान छात्रों की पढ़ाई पर भी काफी असर पड़ा हुआ है। हालांकि सरकार ने ऑनलाइन क्लासेज शुरू करने के आदेश...
प्रयागराज: कोरोना वायरस की वजह से पूरे देश में लॉकडाउन जारी हैं। ऐसे में हर क्षेत्र, हर वर्ग के लोग 42 दिनों से चले आ रहे लॉकडाउन से काफी प्रभावित हुए हैं। इस दौरान छात्रों की पढ़ाई पर भी काफी असर पड़ा हुआ है। हालांकि सरकार ने ऑनलाइन क्लासेज शुरू करने के आदेश दे दिए हैं, जिसके बाद अधिकतर स्कूलों ने ऑनलाइन क्लासेस की शुरुआत कर दी है। लेकिन अब ऑनलाइन क्लासेस के साइड इफेक्ट भी देखने को मिल रहे हैं।
जानकारी मुताबिक कई स्कूल ऐसे हैं जो पिछले 1 महीने से ही ऑनलाइन क्लासेस छात्रों को पढ़ा रहे हैं। इसमें सबसे बड़ी समस्या अभिभावकों और छात्रों दोनों को आ रही है क्योंकि ऑनलाइन क्लासेज के जरिए छात्र लगातार कई घंटों तक मोबाइल के सामने बैठा रहता है, जिसकी वजह से सीधा असर आंखों की रोशनी पर भी पड़ रहा है। इसके साथ ही साथ घर के वातावरण में छात्रों को समस्या हो रही है। उधर छात्रों कहना है कि ऑनलाइन क्लासेस ठीक तो है, लेकिन कई सवाल ऐसे हैं जो ऑनलाइन क्लासेस में समझ में नहीं आते हैं। लगातार 3 से 4 घंटा मोबाइल देख करके पढ़ाई करना उनके लिए आफत बनी हुई है। छात्रों का यह भी कहना है कि ऑनलाइन क्लासेस हफ्ते में 3 दिन हो तो बेहतर है। लगातार क्लासेस की वजह से आंखों पर भी काफी असर पड़ा है।
उधर अभिभावकों का कहना है कि जो पढ़ाई क्लास रूम के माहौल में होती है वह घर के माहौल में नहीं हो पा रही है। अभिभावकों को अपने सारे काम छोड़कर बच्चों के साथ बैठना पड़ता है। इसके साथ ही नेटवर्क की भी प्रॉब्लम होती है, जिसकी वजह से कंसंट्रेशन में भी कमी आती है। अभिभावकों ने सरकार से अपील की है कि ऑनलाइन क्लासेस को फिलहाल 1 जुलाई तक के लिए टाल देनी चाहिए क्योंकि इस महामारी में सभी लोग डरे हुए हैं और ऊपर से ऑनलाइन क्लासेस से एक अलग सा भार पड़ रहा है। दूसरी तरफ स्कूल प्रशासन की तरफ से फीस भरने का मैसेज भी अभिभावकों के लिए मुसीबत बनकर खड़ा हुआ है ,क्योंकि विगत 42 दिनों से सारे काम ठप हैं। ऐसे में स्कूल फीस जमा करना भी अभिभावकों के लिए मुश्किल पैदा कर रहा है।