Edited By Tamanna Bhardwaj,Updated: 24 Jun, 2019 12:20 PM
गोरखपुर में मानसून की पहली बारिश ने जहां लोगों को भीषण गर्मी से राहत दिलाई है। वहीं दूसरी तरफ नालों और सड़क पर बारिश के पानी से हुए जलभराव से संक्रामक बीमारियों का खतरा बढ़ा है। इस मौसम में पेट दर्द, उल्टी-दस्त, बुखार और मस्तिष्क ज्वर के मरीजों...
गोरखपुरः गोरखपुर में मानसून की पहली बारिश ने जहां लोगों को भीषण गर्मी से राहत दिलाई है। वहीं दूसरी तरफ नालों और सड़क पर बारिश के पानी से हुए जलभराव से संक्रामक बीमारियों का खतरा बढ़ा है। इस मौसम में पेट दर्द, उल्टी-दस्त, बुखार और मस्तिष्क ज्वर के मरीजों की संख्या बढ़ जाती है। वहीं बरसात के बाद मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है।
वहीं जिला अस्पताल में तैनात डॉक्टर गौरव ने बताया है कि बारिश के मौसम में दूषित पानी में वायरस अधिक सक्रिय हो जाते हैं। इनमें बैठने वाली मक्खियां खुले खाद्य पद्रार्थ पर बैठकर उसे प्रदूषित करती हैं। ऐसे में इस मौसम में डायरिया, उल्टी, खांसी और बुखार का खतरा ज्यादा रहता है।
डॉक्टर ने बारिश के मौसम में खुली और बासी खाद्य पद्रार्थ के सेवन से बचने की सलाह दी है। साथ ही बीमार होने पर तुरंत डॉक्टर की सलाह पर ही इलाज करने की नसीहत दी है।