Edited By Tamanna Bhardwaj,Updated: 24 Dec, 2019 05:27 PM
उत्तर प्रदेश सरकार ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी कानून (मनरेगा) के तहत काम करने वाले मजदूरों को भुगतान में देरी करने वाले अधिकारियों पर जुर्माना लगाने का निर्णय लिया है...
लखनऊः उत्तर प्रदेश सरकार ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी कानून (मनरेगा) के तहत काम करने वाले मजदूरों को भुगतान में देरी करने वाले अधिकारियों पर जुर्माना लगाने का निर्णय लिया है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को मंत्रिमंडल की बैठक में इस आशय का निर्णय लिया गया। मंत्रिमंडल की बैठक के बाद राज्य सरकार के प्रवक्ता और प्रदेश के ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने बताया कि मनरेगा के तहत काम करने वाले मतदूरों के भुगतान में देरी होने पर अधिकारियों पर 0.05 प्रतिशत या 0.05 पैसे प्रतिदिन का जुर्माना लगाने का निर्णय लिया है। उन्होंने बताया कि यदि श्रमिकों को मजदूरी 15 दिनों से अधिक की देरी हो जाती है तो जुर्माना राशि का भुगतान मजदूर को करना होगा।
उन्होंने बताया कि मनरेगा के तहत काम करने वाले मजदूर को एक वर्ष में कम से कम 100 दिनों के लिए प्रति दिन 182 रुपये का भुगतान किया जाता है। यदि श्रमिक की मजदूरी देने में 15 दिनों से अधिक की देरी होती है, तो उसे प्रति दिन नौ रुपये अतिरिक्त मिलेंगे। बैठक में निर्णय लिया गया कि भुगतान में देने करने पर संबंधित अधिकारी के वेतन से जुर्माना राशि काट ली जाएगी। इसके अलावा, जिलाधिकारी को मजदूरों के भुगतान की निगरानी करने के लिए कहा गया है, ताकि इसमें देरी न हो।