Edited By Ruby,Updated: 07 Jul, 2018 11:48 AM
उत्तर प्रदेश में एक सरकारी आदेश की चिट्ठी सोशल मीडिया पर वायरल हुई है। इस चिट्ठी में अफसरों को मंत्री के दौरे दौरान उन्हें नाश्ते-खाना परोसने और उनकी सेवा करने का आदेश दिया गया है। दरअसल राज्य के सहकारिता मंत्री मुकुट बिहारी वर्मा को 5 मई को कानपुर...
लखनऊः उत्तर प्रदेश में सरकारी आदेश की एक चिट्ठी इन दिनाें सोशल मीडिया पर खूब वायरल हाे रही है। जिसमें अफसरों को मंत्री के दाैरे के दौरान उन्हें नाश्ता कराने, खाना परोसने और उनकी सेवा करने का आदेश दिया गया है। दरअसल राज्य के सहकारिता मंत्री मुकुट बिहारी वर्मा को 5 मई को कानपुर देहात में विकास कार्यों की समीक्षा का दौरा करना था। कैबिनेट मंत्री के दौरे से ठीक पहले 4 मई को एक सरकारी आदेश जारी किया गया था। जिसमें उक्त बातें कही गई थीं। इस आदेश का पत्र वायरल हाेने के बाद मंत्री की खूब किरकिरी हाे रही है।
-अादेश के मुताबिक एडीओ अमरौधा और एडीओ मलासा की डयूटी थी-मंत्री महोदय के डाइनिंग डेबल पर नाश्ता और खाना सर्व करने की।
*एडीओ रसूलाबाद और एडीओ झींझक को रसोई से मंत्री महोदय के कमरे तक नाश्ता और खाना पहुंचाने की जिम्मेदारी दी।
*एडीओ मैथा और जनपद लेखाकार के पास रसोई में नाश्ता और खाना तैयार रखने की डयूटी थी।
*अपर सांख्यिकीय अधिकारी और एडीओ सिकंदरा के पास मंत्री के स्टाफ और समर्थकों को भर पेट नाश्ता करवाने की जिम्मेदारी सौंपी गई।
* सचिव सहयोगी करन सिंह और अजीत के पास इन्हीं समर्थकों के कमरे तक नाश्ता पहुंचाने के बारें में लिखा गया था।
वायरल पत्र
मंत्री की सेवा का आदेश देने वाले इस सरकारी चिट्ठी के सामने आने के बाद हंगामा खड़ा हो गया। बाद में कहा गया कि किसी भूलवश इस चिट्ठी में अधिकारियों का नाम अंकित हो गया है। तत्काल इस आदेश को संशोधित किया गया और इन अधिकारियों को आदेश दिया गया कि वो मंत्री के निरीक्षण के समय अपने कार्यालय में उपस्थित रहेंगे और अपने विभाग में हुई कार्यों की जानकारी मंत्री को देंगे।
इस चिट्ठी को लेकर सहायक आय़ुक्त को-ऑपरेटिव रमेश कुमार गुप्ता ने अब अपनी सफाई दी है। रमेश कुमार गुप्ता ने कहा कि ऐसा बाबुओं की गलती की वजह से हो गया। उन्होंने बातचीत करते हुए कहा कि किसी की बदमाशी से यह चिट्ठी वायरल हो गई है। उन्होंने वायरल चिट्ठी को लेकर कहा कि चिट्ठी में दिए गए आदेशों में बाद में सुधार कर लिया गया था।
बाद में संशोधित किया गया पत्र
अधिकारियों को एेसा ना करने को कहा-मंत्री
जब इस मामले में मंत्री से बात की तो उन्होंने बताया की मई में कानपुर देहात के दौरे पर गए थे। उस दौरान सर्किट हाउस जाने का भी उनका कार्यक्रम था, लेकिन वह वहां गए नहीं थे। उन्होंने कहा कि यह आदेश वायरल होने के बाद उन्हें इसके बारे में जानकारी मिली है। हालांकि उन्होंने बताया कि जिन अधिकारियों ने इस किस्म के आदेश जारी किए थे, उन्हें अगाह किया गया है कि आगे से वे ऐसा काम न करें।