योगी सरकार की नई पहल: UP के प्रवासी नागरिकों की मदद के लिए मुंबई में खुलेगा दफ्तर

Edited By Mamta Yadav,Updated: 10 May, 2022 07:38 AM

office will open in mumbai to help the migrant citizens of up

उत्तर प्रदेश में निवेश के नये नये विकल्प तलाशने में जुटी योगी सरकार जल्द ही महाराष्ट्र की राजधानी मुबंई में एक नया कार्यालय स्थापित करेगी जिसका मकसद मुंबई में रह रहे उप्र के निवासियों को अपने प्रदेश में निवेश करने, उनके हितों की रक्षा व उनकी सामाजिक...

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में निवेश के नये नये विकल्प तलाशने में जुटी योगी सरकार जल्द ही महाराष्ट्र की राजधानी मुबंई में एक नया कार्यालय स्थापित करेगी जिसका मकसद मुंबई में रह रहे उप्र के निवासियों को अपने प्रदेश में निवेश करने, उनके हितों की रक्षा व उनकी सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित करना होगा। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उप्र सरकार द्वारा प्रस्तावित इस कार्यालय के माध्यम से उन तमाम उप्र के निवासियों से जुड़ना संभव होगा जो या तो लंबे समय से मुंबई में नौकरी या व्यवसाय के लिए रह रहे हैं, या वे, जो हर वर्ष रोजगार की तलाश में मुंबई जाते हैं और समय समय पर (या किसी आपदा की स्थिति में) उप्र वापस आते हैं।      

एक अनुमान के अनुसार, मुंबई की 1 करोड़ 84 लाख जनसंख्या में लगभग 50 से 60 लाख उत्तर भारतीय मूल के लोग रहते हैं, जिनमे उप्र से आने वालों की संख्या सर्वाधिक है। मुंबई में ये लंबे समय से रह रहे हैं और समय समय पर अपने घर उत्तर प्रदेश के अलग जिलों में आते रहते हैं। मुंबई में उद्योग, सेवा क्षेत्र, खुदरा व्यापार, ट्रांसपोटर्, खाद्य व्यवसाय, फैक्ट्री या मिल जैसे कई क्षेत्रों में उप्र के लोगों का उल्लेखनीय योगदान है। ऐसे कई क्षेत्र हैं जहां मुंबई के निवासियों के जीवन में इनकी बड़ी भूमिका है। उद्योग व स्टाटर्अप के क्षेत्र में भी उप्र के निवासी मुंबई में उल्लेखनीय कार्य रहे हैं। सूचना प्रौद्योगिकी, फिल्म, टेलिविज़न, मैन्यूफैक्चरिंग, फाइनैन्स, खाद्य प्रसंस्करण आदि उद्योगों में उप्र के उद्यमियों का बड़ा योगदान है।      

इसके साथ, असंगठित क्षेत्र में भी उप्र के कामगार बड़ी संख्या में मुंबई में काम कर रहे हैं। पिछले दो वर्षों में कोविड आपदा व लॉकडाउन के कारण बड़ी संख्या में इन्हे मुंबई से वापस अपने गृह राज्य उप्र आना पड़ा था, और उस समय योगी सरकार द्वारा एक विशाल योजना के अंतर्गत न केवल इन्हे सकुशल उप्र लाया गया बल्कि उन्हे उनके गृह जिलों तक भी भेजा गया था। सूत्रों ने बताया कि प्रस्तावित कार्यालय के माध्यम से मुंबई में रह रहे उप्र वासियों को उत्तर प्रदेश में पर्यटन, संस्कृति और अन्य क्षेत्रों में निवेश की संभावनाओं से अवगत करा कर उन्हे यहाँ उद्यम लगाने के लिए प्रेरित किया जाएगा। साथ ही, उनसे विचार-विमर्श करके उनके लिए यहाँ एक अनुकूल व आकर्षक ‘‘बिजनस एनवायरनमेंट'' भी तैयार किया जाएगा। उन्हें यह बताया जाएगा कि उप्र में उनके उत्पादों या सेवाओं के लिए एक विशाल बाजार व मांग है, जिसकी वजह से उनके लिए यहाँ निवेश करना लाभप्रद होगा।

उन्होंने बताया कि अन्य कामगारों के लिए इस प्रस्तावित कार्यालय द्वारा उनके हित की योजनाएं बनाई जाएंगी, जिससे उनके लिए किसी संकट की स्थिति में उप्र आना सुलभ हो और उन्हे यहाँ उनके अनुभव व क्षमता के अनुरूप काम या रोजगार मिल सके। असंगठित क्षेत्र के कामगारों के लिए भी इसी प्रकार के कदम उठाए जाएंगे जिससे उनके हितों की रक्षा की जा सके और उन्हे नई संभावनाओं से परिचित किया जा सके। सूत्रो का दावा है कि उप्र सरकार की इस अभिनव पहल से मुंबई में रह रहे उन लाखों उप्र के निवासियों के हितों की रक्षा तो होगी ही, उन्हे अपने गृह राज्य में निवेश करके यहाँ से जुडने और यहाँ की समृद्धि में योगदान करने का एक बड़ा मौका भी मिलेगा।
 

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