Edited By Punjab Kesari,Updated: 22 Apr, 2018 10:50 AM
मायावती कांग्रेस से बहुत नाराज हैं और वह उसके साथ किसी तरह का समझौता नहीं करेंगी। मायावती की प्रधानमंत्री बनने की महत्वाकांक्षा है। इस उद्देश्य की प्राप्ति के लिए वह चुपचाप काम कर रही हैं।
लखनऊ: मायावती कांग्रेस से बहुत नाराज हैं और वह उसके साथ किसी तरह का समझौता नहीं करेंगी। मायावती की प्रधानमंत्री बनने की महत्वाकांक्षा है। इस उद्देश्य की प्राप्ति के लिए वह चुपचाप काम कर रही हैं।
उन्होंने कर्नाटक में एचडी देवेगौड़ा के जनता दल (एस) के साथ हाथ मिला लिया है तो दूसरी तरफ हरियाणा में इनैलो के साथ सीटों के बंटवारे पर समझौता कर लिया है। मायावती उन राज्यों में अधिक क्षेत्रीय पार्टियों को साथ मिला रही हैं जहां दलितों की काफी संख्या है। वह यह कहते हुए दलित कार्ड खेल रही हैं कि लगभग 20 प्रतिशत वोटें इधर-उधर हो सकती हैं जिससे भाजपा को लाले पड़ सकते हैं।
मायावती का यह स्पष्ट विचार है कि कांग्रेस अपने मतों को बसपा में स्थानांतरित नहीं करवा सकती। इसलिए कांग्रेस के साथ गठबंधन करने का कोई फायदा नहीं है। मायावती ने 2019 के लोकसभा चुनाव में 100 सीटों का लक्ष्य रखा है और वह राज्य दर राज्य गठबंधन कर रही हैं। यह कदम उनके पहले की चुनावी रणनीति से अलग है।