कस्बों और गांवों की महिला उद्यमियों की तरक्की के लिए दूर की जाए भाषा की बाधा: स्मृति

Edited By Ruby,Updated: 17 Nov, 2018 10:54 AM

obstacle to language can be overcome for the promotion of women

केन्द्रीय कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी ने देश के खासकर ग्रामीण क्षेत्र की महिला उद्यमियों को आगे बढ़ाने के लिए भाषा की बाधा को दूर करने की जरूरत बताते हुए  कहा कि कस्बों और गांवों की ज्यादातर महिलाएं अंग्रेजी बोल-समझ नहीं पातीं, जो उनकी तरक्की में बड़ी...

लखनऊः केन्द्रीय कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी ने देश के खासकर ग्रामीण क्षेत्र की महिला उद्यमियों को आगे बढ़ाने के लिए भाषा की बाधा को दूर करने की जरूरत बताते हुए  कहा कि कस्बों और गांवों की ज्यादातर महिलाएं अंग्रेजी बोल-समझ नहीं पातीं, जो उनकी तरक्की में बड़ी बाधा है। 

स्मृति ने फिक्की लेडीज ऑर्गनाइजेशन (एफएलओ) द्वारा आयोजित इंडियन विमन आर्टिसंस अवध फेस्टिवल एंड फिल्म फोरम (आईवाफ) के कार्यक्रम में कहा कि महिलाओं को कैसे सशक्त बनाया जाए, इस पर चर्चा बेहद जरूरी है। देश की महिलाएं भाषा की लड़ाई में हार जाती हैं। ज्यादातर ग्रामीण अंचल की महिलाएं अंग्रेजी नहीं बोल पाती और न ही समझ पाती हैं, लेकिन उनके पास हुनर की कमी नहीं होती।         

उन्होंने कहा कि छोटे शहरों, कस्बों और गांवों की महिलाओं को सफल उद्यमी बनाने के लिये भाषा की बाधा को हटाना पड़ेगा। यह जरूरी है, अंग्रेजी में बताई जा रही कारोबार सम्बन्धी बातों को ना समझ पाने वाली महिला उद्यमियों को उनकी भाषा में अनुवाद करके समझाया जाना चाहिए। कपड़ा मंत्री ने कहा कि दुनिया में हस्तशिल्प उत्पादों की बिक्री में भारत की हिस्सेदारी 60 फीसद है। इसमें महिलाओं की भागीदारी ज्यादा है। गांव की महिलाएं किसी स्कूल में डिजाइन सीखने नहीं गईं, लेकिन वे बेहतर काम करती हैं। विभिन्न क्षेत्रों में ऐसी तमाम महिलाएं पुरस्कार भी जीत रही हैं।          
 

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