Edited By Ajay kumar,Updated: 01 Dec, 2019 03:37 PM
इन दिनों पराली जलाना दिल्ली, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में वायु प्रदूषण का बड़ा कारण बनी हुई है। पराली जलाने की घटनाओं पर सुप्रीम कोर्ट की नाराजगी के बाद योगी सरकार ने जिले के अफसरों की भी नकेल कसनी शुरू...
लखनऊ: इन दिनों पराली जलाना दिल्ली, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में वायु प्रदूषण का बड़ा कारण बनी हुई है। पराली जलाने की घटनाओं पर सुप्रीम कोर्ट की नाराजगी के बाद योगी सरकार ने जिले के अफसरों की भी नकेल कसनी शुरू कर दी है। इसी क्रम में शनिवार शाम यूपी के मुख्य सचिव आरके तिवारी ने 26 जिलों के डीएम को नोटिस जारी कर पराली जलाने की घटनाओं पर जवाब-तलब किया है। इससे पहले 16 नवंबर को भी 14 जिलों के डीएम को नोटिस जारी कर जवाब-तलब किया गया था।
बता दें कि मुख्य सचिव आरके तिवारी ने जिलाधिकारियों को भेजे गए नोटिस में पराली जलाने की घटनाओं को रोकने के लिए पुराने शासनादेश को याद दिलाया है। साथ ही 25 नवंबर को सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी का खास उल्लेख किया है। इसमें कोर्ट ने कहा था, अब समय आ गया है कि राज्य सरकारें यह बताएं कि वायु प्रदूषण से प्रभावितों को मुआवजा क्यों न दिया जाए। अंतत: जो राज्य प्रशासन के जरिए चलता है। इसलिए अपने दायित्वों के निर्वहन में विफल रहने वाली मशीनरी की जिम्मेदारी क्यों न तय की जाए?'
मुख्य सचिव ने जिलाधिकारियों को दिए निर्देश
मुख्य सचिव ने जिलाधिकारियों से जिम्मेदारों पर की गई कार्रवाई की जानकारी मांगी है। पराली जलाने की घटनाओं को रोक पाने में विफल रहे संबंधित तहसील / थाना के जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई का विवरण तलब किया है। वहीं डीएम को अपना जवाब भी 5 दिसंबर तक इस हिदायत के साथ दाखिल करने के निर्देश दिए गए हैं कि पराली जलाने की घटनाएं न होने पाएं।
किन 26 जिलों के डीएम से मांगा जवाब
जिन 26 जिलों के डीएम से जवाब-तलब किया गया है उनमें शामली, मेरठ, बुलंदशहर, गौतमबुद्ध नगर, बागपत, हापुड़, आगरा, फिरोजाबाद, हाथरस, काशीराम नगर, बदायूं, मुरादाबाद, रामपुर, ज्योतिबाफुले नगर, संभल, कानपुर देहात, फर्रूखाबाद, कन्नौज, जालौन, ललितपुर, बांदा, हमीरपुर, महोबा, चित्रकूट, भदोही और अमेठी शामिल है।