Edited By ,Updated: 17 Nov, 2016 05:43 PM
उत्तर प्रदेश के गौतम बुद्धनगर जिले में पुराने नोटों को खपाने के लिए नये-नये तरीके अपनाये जा रहे हैं। सूत्रों के अनुसार इन दिनों सरिया...
नोएडा: उत्तर प्रदेश के गौतम बुद्धनगर जिले में पुराने नोटों को खपाने के लिए नये-नये तरीके अपनाये जा रहे हैं। सूत्रों के अनुसार इन दिनों सरिया, सीमेंट के साथ ही ईंटों के स्टॉक का काम धड़ल्ले से चल रहा है। इस कारोबार से जुड़े लोगों का कहना है कि बैंकों की लंबी कतार में लगने से बेहतर है कि वे भवन निर्माण के समान का स्टॉक कर रहे हैं ताकि पुराने 500 एवं 1000 के नोट खपाये जा सकें। बैंकों में पैसे जमा करने के लिए भी लंबी कतारें लग रही हैं। इन कतारों से बचने के लिए कुछ व्यापारी अपने कारोबार में ही पुराने नोटों को खपाने का ताना-बाना बुन रहे हैं।
सूत्र बताते हैं कि इन दिनों सरिया, सीमेंट के साथ ही बिल्डिंग मैटेरियल से जुड़े कारोबारियों ने स्टॉक का रास्ता अितयार कर लिया है। इस कारोबार से जुड़े एक व्यापारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि सरिया और सीमेंट के दाम भी प्रतिदिन तय होता जैसे सर्राफा बाजार में सोने का रेट प्रतिदिन तय होता है उसी तरह से सरिया सीमेंट के दाम भी निर्धारित किये जाते हैं।
पुराने नोटों का चलन खुले बाजार में बंद होने के बाद इन व्यापारियों को बैंकों में जमा करने के लिए परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। ऐसी स्थिति से बचने के लिए व्यापारियों ने पुराने नोटों में अपना माल बेचना बंद कर दिया है। सरिया, सीमेंट का बड़ा स्टाक व्यापारियों ने कर लिया है। हालांकि कुछ बड़े व्यापारी इसके जरिये पुराने नोटों को खपाने का तानाबाना भी बुन रहे हैं। इसके साथ ही कुछ लोगों ने ईंट पर भी पुराने नोटों को खपाने की सूचना है।
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