Edited By Ajay kumar,Updated: 22 Jun, 2018 06:24 PM
पासपोर्ट विवाद में फंसे आरोपी अफसर विकास मिश्रा के समर्थन में लोकप्रिय गायिका मालिनी अवस्थी आ गई हैं। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि सरकारी नियम की एक प्रक्रिया है।
लखनऊः पासपोर्ट विवाद में फंसे आरोपी अफसर विकास मिश्रा के समर्थन में लोकप्रिय गायिका मालिनी अवस्थी आ गई हैं। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि सरकारी नियम की एक प्रक्रिया है। पासपोर्ट के लिए तो और भी गहन गंभीर प्रक्रिया है। मामले की पूरी जांच के बिना अफसर को हटाना ठीक नहीं है।
बता दें कि मुस्लिम लड़के से शादी करने और फिर धर्म परिवर्तन काे लेकर विकास मिश्रा पर लगे बदसलूकी के आराेप के बाद उन्हें तत्काल प्रभाव से गोरखपुर तबादला कर दिया गया। जबकि, तन्वी और उनके पति अनस सिद्दीकी का पासपोर्ट एक घंटे के भीतर जारी कर दिया गया। विकास सीनियर सुपरिटेंडेंट पद पर कार्यरत थे।
मुझ पर लगाए गए सारे आराेप गलतः विकास मिश्रा
विकास मिश्रा ने कहा कि जो भी आरोप मोहम्मद अनस सिद्दीकी और उनकी पत्नी तनवी सेठ ने लगाए हैं वह गलत हैं। विकास मिश्रा ने कहा कि उन्होंने तनवी सेठ से केवल अपना निकाहनामे वाला नाम लिखने के लिए कहा था। उनके निकाहनामे में उनका नाम शाजिया अनस था, लेकिन वो इसे शो नहीं करना चाहती थीं। मैंने ये नाम चढ़ाने के लिए उनसे निवेदन किया, लेकिन उन्होंने मना कर दिया। इतना ही नहीं विकास मिश्रा ने तनवी के पते पर भी सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि वो नोएडा की रहने वाली थीं तो उन्हें गाजियाबाद में पासपोर्ट अप्लाई करना चाहिए था, लेकिन वो लखनऊ का पता शो कर पासपोर्ट ले रही थीं।
पासपोर्ट अधिकारी का तबादला
वहीं क्षेत्रीय पासपोर्ट अधिकारी पीयूष वर्मा ने बताया कि बदसलूकी करने वाले अधिकारी को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। उसका तत्काल प्रभाव से तबादला कर दिया गया है। वर्मा ने बताया कि दंपति मोहम्मद अनस सिद्दीकी और तन्वी सेठ को उनके पासपोर्ट जारी कर दिए गए हैं। दंपति ने आज वर्मा से उनके कार्यालय में मुलाकात की।
तनवी ने ट्विटर पर बयां किया दर्द
तनवी ने बताया, ‘‘मुझे बताया गया कि मेरा पासपोर्ट जारी नहीं किया जा सकता है क्योंकि मैंने एक मुस्लिम व्यक्ति से विवाह किया है और अपना उपनाम नहीं बदला है। जब मैंने पूछा कि अब मुझे क्या करना चाहिए तो बताया गया कि सभी दस्तावेजों में मुझे नाम बदलना होगा।’’
उन्होंने बताया, ‘‘वह अधिकारी मुझसे पूछताछ करते वक्त जोर से और बहुत ही अपमानजनक तरीके से बोल रहा था, वहां बहुत से लोग थे। पता नहीं, हो सकता है उन्हें कोई निजी दुश्मनी रही हो... हमारे नाम देखते ही उन्होंने सवाल पूछने शुरू कर दिए।’’
तन्वी ने बताया, ‘‘हमने पासपोर्ट के लिए आवेदन दिया था और सभी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद मैं अंतिम सत्यापन के लिए गई। वहां जो अधिकारी था उसने मेरे विवाह के बारे में निरर्थक प्रश्न करने शुरू कर दिए...क्योंकि मैंने अपना उपनाम नहीं बदला था। उन्होंने कहा कि विवाह के बाद अपना उपनाम बदलना हर महिला का कर्तव्य है। उसकी भाषा और हावभाव अपमानजनक थे।’’