Edited By Anil Kapoor,Updated: 22 Jul, 2019 12:10 PM
प्रतिबंद के बाद भी दुकान और ठेली वाले शहर में खुलेआम पॉलिथीन में सामान की बिक्री कर रहे हैं। ऐसे में प्रशासन की सुस्ती से शासन का फरमान हवा में साबित होता दिखाई दे रहा है। वहीं रोक के नाम पर पॉलिथीन के दाम भी अधिक वसूले जा रहे हैं।
लखनऊ: प्रतिबंद के बाद भी दुकान और ठेली वाले शहर में खुलेआम पॉलिथीन में सामान की बिक्री कर रहे हैं। ऐसे में प्रशासन की सुस्ती से शासन का फरमान हवा में साबित होता दिखाई दे रहा है। वहीं रोक के नाम पर पॉलिथीन के दाम भी अधिक वसूले जा रहे हैं।
पॉलिथीन बिक्री का व्यवसाय करने वालों को प्रशासन का बिल्कुल भी डर नहीं है। 15 जुलाई से पॉलिथीन बिक्री पर शासन ने प्रतिबंध लगा दिया था। बावजूद इसके शहर में दुकान और ठेली वाले धड़ल्ले से पॉलिथीन प्रयोग कर रहे हैं। हालांकि प्रतिबंध से पहले 200 रुपए प्रति किलो बिकने वाली पॉलीथीन अब 250 रुपए से ऊपर पहुंच गई है। रोक लगने के बाद प्रशासन ने जागरूकता कार्यक्रम किए तो तमाम सामाजिक संगठन भी मैदान में कूद पड़े।
शुरूआत में तो सब कुछ ठीक-ठाक रहा, लेकिन धीरे-धीरे पॉलिथीन प्रतिबंध का अभियान दम तोड़ गया। शहर में पॉलिथीन पहले जैसी मिलती थी, आज भी वैसे ही मिल रही है। ठेली और दुकानदार बेखौफ होकर पॉलिथीन में सामान बेच रहे हैं। रोक और चोरी-छिपे बेचे जाने से पॉलिथीन 50 रुपए प्रति किलो तक महंगी हो गई है।