Edited By Anil Kapoor,Updated: 08 May, 2018 08:35 AM
इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने नोएडा प्राधिकरण के पूर्व मुख्य अभियंता यादव सिंह के पुत्र सन्नी सिंह और पुत्रियों गरिमा भूषण एवं करुणा सिंह को अंतरिम जमानत प्रदान की। इन पर भ्रष्टाचार रोधी कानून और आईपीसी की अन्य धाराओं के तहत मुकदमा चल रहा है जिसमें आरोप...
इलाहाबाद: इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने नोएडा प्राधिकरण के पूर्व मुख्य अभियंता यादव सिंह के पुत्र सन्नी सिंह और पुत्रियों गरिमा भूषण एवं करुणा सिंह को अंतरिम जमानत प्रदान की। इन पर भ्रष्टाचार रोधी कानून और आईपीसी की अन्य धाराओं के तहत मुकदमा चल रहा है जिसमें आरोप लगाया गया है कि ये एक कंपनी बनाकर यादव सिंह द्वारा की गई काली कमाई का उपयोग करते रहे हैं।
जानकारी के अनुसार इन तीनों आवेदकों को जमानत पर रिहा किए जाने का निर्देश जारी करते हुए न्यायमूर्ति रमेश सिन्हा और न्यायमूर्ति डी.के. सिंह- ढ्ढ की खंडपीठ ने विशेष जज (भ्रष्टाचार रोधी, सीबीआई मामले), गाजियाबाद को यह सुनिश्चित करने को कहा कि यदि इन आवेदकों के पास कोई पासपोर्ट है तो उसे जमा करा लिया जाए और ये आवेदक इस अदालत की अनुमति के बगैर देश नहीं छोड़ सकते। यह भी स्पष्ट किया गया कि ये तीनों आवेदक सुनवाई की अगली तारीख पर अदालत के समक्ष मौजूद रहेंगे अन्यथा उनके खिलाफ बलपूर्वक कार्रवाई की जाएगी।
उल्लेखनीय है कि इस मामले की जांच सीबीआई द्वारा की गई जिसने इनके खिलाफ आरोप पत्र दाखिल कर दिया है। वर्तमान में इनके खिलाफ मुकदमा गाजियाबाद की विशेष सीबीआई अदालत में चल रहा है। यादव सिंह के पुत्र और पुत्रियों के खिलाफ आपराधिक मामला 30 जुलाई, 2015 को दर्ज किया गया था। यादव सिंह नोएडा प्राधिकरण, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण और यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण का मुख्य अभियंता था।
बता दें कि नवंबर, 2014 में आयकर विभाग द्वारा मारे गए छापे से पता चला कि सिंह के पास उसके आय के ज्ञात स्रोतों से कहीं अधिक अकूत संपत्ति थी। यादव सिंह को फरवरी, 2015 में उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा निलंबित कर दिया गया था। जुलाई, 2015 में इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने सीबीआई को इस मामले की जांच करने का निर्देश दिया। उत्तर प्रदेश सरकार इस आदेश के खिलाफ उच्चतम न्यायालय गई, लेकिन उच्चतम न्यायालय ने सरकार की याचिका पर विचार करने से इनकार किया।