Edited By Ruby,Updated: 23 Feb, 2019 02:31 PM
लखनऊः भाजपा की सहयोगी पार्टी ‘अपना दल सोनेलाल’ ने कांग्रेस के साथ समझौते की अटकलों को खारिज करते हुए शनिवार को कहा कि वह भाजपा नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के साथ रहना चाहता है मगर भाजपा की उत्तर प्रदेश इकाई के कुछ लोग इसमें बाधा पैदा कर...
लखनऊः भाजपा की सहयोगी पार्टी ‘अपना दल सोनेलाल’ ने कांग्रेस के साथ समझौते की अटकलों को खारिज करते हुए शनिवार को कहा कि वह भाजपा नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के साथ रहना चाहता है मगर भाजपा की उत्तर प्रदेश इकाई के कुछ लोग इसमें बाधा पैदा कर रहे हैं।
पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष आशीष पटेल ने कहा की पार्टी संरक्षक अनुप्रिया पटेल की कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी से मुलाकात की खबरें पूरी तरह निराधार हैं। उन्होंने कहा कि वह राजग के साथ रहना चाहते हैं और इस साल लोकसभा चुनाव के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में एक बार फिर सरकार बनते देखने के इच्छुक हैं। पटेल ने आरोप लगाया,‘‘ प्रदेश भाजपा का एक वर्ग नहीं चाहता कि अपना दल सोनेलाल जैसे ईमानदार सहयोगी राजग के साथ रहें। यह वर्ग तरह-तरह की जुगत लगाकर हमें परेशान करता रहता है। अगर उसका रवैया नहीं बदला तो उनकी पार्टी के लिए सभी विकल्प खुले हैं।’’
उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी 28 फरवरी को लखनऊ में एक बैठक आयोजित करेगी जिसमें सभी राष्ट्रीय तथा प्रांतीय पदाधिकारी शामिल होंगे। इस बैठक में राजग के साथ रहने या ना रहने पर विचार किया जाएगा। पटेल ने कहा कि उन्होंने उत्तर प्रदेश की भाजपा नीत सरकार से मांग की थी कि प्रदेश के विभिन्न जिलों में 50 थानों में दलित तथा पिछड़े वर्ग के थानाध्यक्षों की नियुक्ति की जाए। इसके अलावा जिला मुख्यालय पर जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक में से किसी एक पद पर भी इन वर्गों को प्रतिनिधित्व दिया जाए।
इसके अलावा विभिन्न निगमों के पदों पर नियुक्ति में अपना दल के प्रतिनिधियों को जगह दी जाए। साथ ही आउटसोसिंग और अनुबंध के आधार पर की जाने वाली नियुक्तियों में भी पिछड़ों तथा दलितों को आरक्षण की व्यवस्था की जाए। गौरतलब है कि राजग के सहयोगी अपना दल सोनेलाल के दो सांसद और उत्तर प्रदेश में 8 विधायक हैं। दल की संरक्षक अनुप्रिया पटेल केंद्र में स्वास्थ्य राज्य मंत्री हैं।