Edited By Tamanna Bhardwaj,Updated: 05 Dec, 2018 05:40 PM
जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि अगले माह 26 जनवरी से उत्तर प्रदेश में वाराणसी से प्रयागराज के बीच जल मार्ग परिवहन शुरू कर दिया जाएगा। गडकरी ने बुधवार को गंगा की सफाई तथा जल संरक्षण पर विचार विमर्श...
लखनऊः जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि अगले माह 26 जनवरी से उत्तर प्रदेश में वाराणसी से प्रयागराज के बीच जल मार्ग परिवहन शुरू कर दिया जाएगा। गडकरी ने बुधवार को यहां गंगा की सफाई तथा जल संरक्षण पर विचार विमर्श के लिए 3 दिवसीय सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए कहा कि वाराणसी और प्रयागराज के बीच जल मार्ग पर काम तेजी से चल रहा है और इस माह के अंत तक यह काम पूरा होने की उम्मीद है। उन्होंने भरोसा जताया कि इस खंड पर 26 जनवरी से यात्रियों की आवाजाही शुरू कर दी जाएगी।
उन्होंने कहा कि वाराणसी से प्रयागराज के बीच जल मार्ग पर जहाज 80 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से चलेगा और इसमें 16 लोगों के बैठने की सुविधा होगी। इस जल मार्ग पर जिस जहाज को चलाया जाएगा उसकी कीमत करीब एक करोड़ रुपए है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि उनकी सरकार जल मार्ग पर विशेष ध्यान दे रही है। रेल और सड़क परिवहन की तुलना में इससे माल की ढुलाई सस्ती पड़ती है। सरकार ने वाराणसी से हल्दिया के बीच जल मार्ग परिवहन की शुरुआत हो चुकी है और अब इस मार्ग पर पहली बार वाराणसी से बंगलादेश तथा चीन के लिए चीनी का निर्यात किया जाएगा।
राष्ट्रीय गंगा स्वच्छ मिशन (एनएमसीजी) तथा गंगा घाटी प्रबंधन और अध्ययन केंद्र सम्मेलन का अयोजन कर रहा है। मंत्रालय हर साल यह सम्मेलन आयोजित करता है और इसमें जल क्षेत्र के देश विदेश के विशेषज्ञ अपने विचार व्यक्त करते हैं। इस साल इसका विषय गंगा नदी घाटी संरक्षण रखा गया है। सम्मेलन में 15 देशों के 200 अधिक प्रतिनिधि हिस्सा ले रहे हैं।
गडकरी ने कहा कि गंगा की सफाई के लिए उनकी सरकार ‘नमामि गंगे’ कार्यक्रम के तहत कई महत्वपूर्ण कदम उठा रही है। इस क्रम में सबसे महत्वपूर्ण कार्य कानपुर में हुआ है जहां 128 साल बाद जाजमऊ नाले का गंदा पानी गंगा में जाना बंद कर दिया गया है। इसी तरह से गंगा घाट बनाए जा रहे हैं और गंगा में गिरने वाली गंदगी को रोकने के लिए जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं।