Edited By Ajay kumar,Updated: 07 Jan, 2020 06:22 PM
16 दिसंबर 2012 वह काला दिन जिसे हम कभी नहीं भूल सकते। जब 6 दरिंदों ने अपनी दरिंदगी की सारी हदें पार कर दी थी। चलती बस में निर्भया के साथ गैंगरेप कर...
बलियाः 16 दिसंबर 2012 वह काला दिन जिसे हम कभी नहीं भूल सकते। जब 4 दरिंदों ने अपनी दरिंदगी की सारी हदें पार कर दी थी। चलती बस में निर्भया के साथ गैंगरेप कर जघन्य वारदात को अंजाम दिया। घटना के 7 साल बाद बलिया की बेटी को इंसाफ मिला। दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने चारों दोषियों का डेथ वारंट जारी कर दिया है। दोषियों को 22 जनवरी की सुबह 7 बजे फांसी होगी।
बता दें कि निर्भया केस ने बॉलीवुड, राजनीति या देश के हर हिस्से को हिला कर रख दिया था। वहीं आज आए फैसले से पूरा देश संतुष्टी के साथ खुशियों से झूम उठा। निर्भया के परिजनों के आंखों में खुशी व देश के न्यायालय के प्रति विश्वास देखा गया।
यह पूरे देश की जीत है
न्याय के लिए विश्वास को थामे निर्भया की मां आशादेवी ने कहा कि दरिंदों को फांसी मिलने से लोगों का कानून पर विश्वास बढ़ेगा इसके साथ ही महिलाओं में हिम्मत बढ़ेगी। यह पूरे देश की जीत है।
फांसी से रेप करने वालों के मन में भय पैदा होगा
वहीं पिता बद्रीनाथ ने कहा आने वाली पीढ़ी के लिए ये मैसेज जाना बहुत जरूरी है। फांसी से रेप करने वालों के मन में भय पैदा होगा। वह ऐसा पाप करने से डरेंगे।