Edited By Ajay kumar,Updated: 24 Jun, 2020 08:21 PM
इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने उत्तर प्रदेश में 69 हजार सहायक शिक्षक भर्ती प्रकिया निरस्त करने व इसमें कथित रूप से हुए भ्रष्टाचार की जांच सीबीआई से कराने की मांग वाली याचिका पर अगली सुनवायी सात जुलाई को निर्धारित की है।
लखनऊ: इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने उत्तर प्रदेश में 69 हजार सहायक शिक्षक भर्ती प्रकिया निरस्त करने व इसमें कथित रूप से हुए भ्रष्टाचार की जांच सीबीआई से कराने की मांग वाली याचिका पर अगली सुनवायी सात जुलाई को निर्धारित की है।
यह आदेश न्यायमूर्ति आलोक माथुर की पीठ ने अजय कुमार ओझा एवं अन्य की ओर से दायर एक याचिका पर याचिकाकर्ताओं व राज्य सरकार के अधिवक्ताओं की सहमति से पारित किया।
याचिकाकर्ता ने कहा कि इस भर्ती की परीक्षा छह जनवरी 2019 को हुई थी । परीक्षा के बाद शिकायत मिलने पर पेपर लीक के संबध में एसटीएफ तथा केंद्र अधीक्षकों द्वारा प्रदेश के कई स्थानों पर मुकदमे दर्ज हुए हैं । इससे व्यापक स्तर पर पर्चा लीक होने की बात साबित होती है। याचिका में यह भी आरोप लगाया कि एसटीएफ सरकार के दबाव में काम कर रही है। इस आधार पर याचिकाकर्ताओं ने परीक्षा निरस्त करने तथा पूरे प्रकरण की जांच सीबीआई से कराने की मांग की है।
अदालत में बुधवार को सुनवायी के दौरान राज्य सरकार की ओर से कहा गया कि इस प्रकरण में महाधिवक्ता राघवेंद्र सिंह बहस करेंगे अतः मामले की अगली सुनवायी ग्रीष्मावाकाश के बाद तय की जाये। इसके बाद अदालत ने दोनों पक्षों की सहमति से मामले की अगली सुनवायी के लिए सात जुलाई की तारीख निर्धारित की है ।