Edited By Punjab Kesari,Updated: 04 Apr, 2018 12:39 PM
उत्तर प्रदेश में नवजात शिशुओं को आए दिन सड़क या झाड़ियों में मरने के लिए या फिर कुत्तों का निवाला बनने के लिए फेंक दिया जाता है। ताजा मामला लखनऊ जिले का है। जहां जंगल में...
लखनऊः उत्तर प्रदेश में नवजात शिशुओं को आए दिन सड़क या झाड़ियों में मरने के लिए या फिर कुत्तों का निवाला बनने के लिए फेंक दिया जाता है। ताजा मामला लखनऊ जिले का है। जहां जंगल में किसी नवजात बच्चे की रोने की आवाज आई। वहीं स्थानीय लोगों ने जब पास जाकर देखा तो वह दंग रह गए। यहां एक पॉलिथीन में नवजात पड़ा हुआ था। लोगों ने आनन-फानन में बच्चे को उठाया और इसकी सूचना पुलिस को दी। सूचना मिलने पर पहुंची पुलिस ने बच्चे को जिला अस्पताल भर्ती कराया।
जानकारी के मुताबिक मामला मड़ियांव थानाक्षेत्र का है। यहां झाड़ियों में नवजात बच्चे को कोई छोड़ कर चला गया। वहीं ग्रामीण विपिन तिवारी को बच्चे के रोने की आवाज आई तो उन्होंने इसकी सूचना पुलिस को दी। नवजात का इलाज जिला अस्पताल में चल रहा है। उसकी हालत नाजुक बताई जा रही है।
यहां डॉक्टरों का कहना है कि इस बच्चे की स्थिति ठीक नहीं है। इसको सांस लेने में दिक्कत हो रही है। इसे देखते हुए इसको ऑक्सीजन दिया जा रहा है। वहीं डॉक्टरों ने बताया कि बच्चा नॉर्मल नहीं है। उनका कहना है कि नॉर्मल बच्चे का वजन ढाई किलो होता है मगर इस नवजात का 980 ग्राम है। ये मात्र 24- 26 हफ़्तों का ही है।