Edited By Punjab Kesari,Updated: 19 Mar, 2018 11:22 AM
यूं तो पूरी दुनिया एक जनवरी को नए साल का जश्न धूम धाम से मनाती है। लेकिन भारतीय नववर्ष नवसंवत्सर के अवसर पर अम्बेडकरनगर जिले में हिंदी नववर्ष मनाने की अनूठी परंपरा है। हिंदी नए साल के प्रारम्भ पर जिले के टांडा कसबे से हजारों की संख्या में लोग सरयू...
अम्बेडकर नगर(कार्तिकेय द्विवेदी):- यूं तो पूरी दुनिया एक जनवरी को नए साल का जश्न धूम धाम से मनाती है। लेकिन भारतीय नववर्ष नवसंवत्सर के अवसर पर अम्बेडकरनगर जिले में हिंदी नववर्ष मनाने की अनूठी परंपरा है। हिंदी नए साल के प्रारम्भ पर जिले के टांडा कसबे से हजारों की संख्या में लोग सरयू नदी के पावन तट पर मां सरयू की पूजा अर्चना और महा आरती में भाग लेते हैं।
श्रद्धालुओं ने सरयू नदी की पूजा अर्चना की
इस साल भी नए वर्ष के आगमन पर सरयू नदी के तट पर हजारों की संख्या महिला और पुरुष व बच्चों ने सरयू नदी की पूजा अर्चना की। यहां लोगों ने इक्कीस हजार एक सौ ग्यारह दीपों की महाआरती की। इस मौके पर सभी श्रद्धालुओं ने मां सरयू से देश में अमन चैन, सुख समृद्धि और खुशहाली की भी प्रार्थना की। लोगों ने इस मौके पर नदियों को प्रदूषण से मुक्त रखने का संकल्प भी लिया।
हजारों लोगों ने लिया भाग
नववर्ष के इस पावन पर्व पर समारोह समिति के आयोजक ने बताया कि हिंदी नववर्ष के आगमन पर प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष भी भव्य कार्यक्रम किया। इसके साथ पूजा अर्चना और महा आरती भी की गई। जिसमें हजारों लोगों ने भाग लिया। उन्होंने बताया कि नदियां हमारे लिए मोक्षदायिनी हैं और इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य है कि भारतीय परम्पराओं को कायम रखते हुए लोगों में नदियों को दूषित होने से बचाने के लिए लोगों में जागरूकता पैदा हो।
पूरे विश्व की मंगल कामना कीः वाराणसी पीठ के प्राचार्य
वहीं इस मौके पर पहुंचे वाराणसी पीठ के प्राचार्य ने पूरे विश्व की मंगल कामना की। उन्होंने कहा कि इस आयोजन से हमारा मुख्य उद्देश्य है कि हम जल की पवित्रता बरकरार रखें। हम वायु की पवित्रता रखें, पूरे मानव का कल्याण वायु और जल से होगा। हम सभी नदियों को माता का स्वरूप मानते हुए इनकी पूजा और रचना करते है , इनको स्वच्छ रखना हमारा धर्म है।