Edited By Tamanna Bhardwaj,Updated: 31 Aug, 2020 09:39 AM
उत्तर प्रदेश में बाढ़ की स्थिति में सुधार हुआ है लेकिन 16 जिलों के करीब 700 गांव अब भी सैलाब से घिरे हैं। राहत आयुक्त संजय गोयल ने रविवार को बताया कि प्रदेश में बाढ़ की स्थिति में लगातार सुधार हो रहा है और कहीं भी चिंताजनक स्थिति नहीं है...
लखनऊः उत्तर प्रदेश में बाढ़ की स्थिति में सुधार हुआ है लेकिन 16 जिलों के करीब 700 गांव अब भी सैलाब से घिरे हैं। राहत आयुक्त संजय गोयल ने रविवार को बताया कि प्रदेश में बाढ़ की स्थिति में लगातार सुधार हो रहा है और कहीं भी चिंताजनक स्थिति नहीं है।
हालांकि उन्होंने यह भी बताया कि इस वक्त राज्य के 16 जिलों अम्बेडकर नगर, अयोध्या, आजमगढ़, बहराइच, बलिया, बाराबंकी, बस्ती, देवरिया, फर्रूखाबाद, गोण्डा, गोरखपुर, लखीमपुर खीरी, कुशीनगर, मऊ, संत कबीर नगर तथा सीतापुर के 690 गांव बाढ़ से प्रभावित हैं। इनमें से 299 गांवों का संपर्क अन्य इलाकों से पूरी तरह कट गया है। गोयल ने बताया कि बाढ़ के कारण सुरक्षित स्थानों पर जा रहे लोगों के ठहरने के लिए कुल 373 शरणालय बनाए गए हैं।
बाढ़ की स्थिति पर नजर रखने के लिए 784 बाढ़ चौकियां स्थापित की गई हैं। राहत एवं बचाव कार्य के लिए 465 नौकाओं का इस्तेमाल किया जा रहा है। राहत एवं बचाव कार्य के लिए एनडीआरएफ, एसडीआरएफ तथा पीएसी की कुल 29 टीमें तैनात की गई हैं। गोयल ने बताया कि इस वक्त शारदा नदी पलियाकलां (लखीमपुर खीरी) में खतरे के निशान से ऊपर बह रही है।
इसके अलावा एल्गिनब्रिज (बाराबंकी), अयोध्या और तुर्तीपार (बलिया) में घाघरा का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर बना हुआ है। राहत आयुक्त ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के सभी बांधों की निगरानी और जरूरत पड़ने पर उनकी मरम्मत सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। इसके अलावा योगी ने जिला मुख्यालयों पर आपदा प्रबंधन नियंत्रण कक्ष को चौबीसों घंटे संचालित रखने के निर्देश भी जारी किए हैं।