राम मंदिर ट्रस्ट के 15 सदस्यों के नामों का ऐलान, जानिए किन-किन सदस्यों को किया शामिल

Edited By Tamanna Bhardwaj,Updated: 06 Feb, 2020 02:47 PM

names of 15 members of ram mandir trust announced

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार राम मंदिर ट्रस्ट के नाम की घोषणा कर दी है। इस ट्रस्ट का नाम ‘राम मंदिर तीर्थ क्षेत्र’ होगा। राम मंदिर ट्रस्ट के ऐलान के साथ ही इसमें शामिल सदस्यों के नामों की भी घोषणा कर दी गई है। इसमें 15...

लखनऊः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार राम मंदिर ट्रस्ट के नाम की घोषणा कर दी है। इस ट्रस्ट का नाम ‘राम मंदिर तीर्थ क्षेत्र’ होगा। राम मंदिर ट्रस्ट के ऐलान के साथ ही इसमें शामिल सदस्यों के नामों की भी घोषणा कर दी गई है। इसमें 15 लोगों के नाम का ऐलान किया गया है। जिनमें अयोध्या विवाद में हिंदू पक्ष के मुख्य वकील रहे 92 वर्षीय ‘के परासरण’ को राम मंदिर ट्रस्ट का ट्रस्टी बनाया गया है। साथ ही ‘के परासरण’ के दिल्ली स्थित आवास को ही ट्रस्ट का रजिस्टर्ड ऑफिस बनाया गया है। तो चलिए आपको बताते हैं कि आखिर राम मंदिर ट्रस्ट में किन-किन सदस्यों को शामिल किया गया है।

  • ट्रस्टी नंबर-1 
    के परासरण: के परासरण सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील हैं। इन्होंने अयोध्या मामले में 9 साल हिंदू पक्ष की पैरवी की है। साथ ही इंदिरा गांधी और राजीव गांधी सरकार में अटॉर्नी जनरल रहे। उन्हें पद्म भूषण और पद्म विभूषण से भी सम्मानित किया गया है।
     
  • ट्रस्टी नंबर-2 
    जगतगुरु शंकराचार्य वासुदेवानंद सरस्वतीजी (प्रयागराज): वासुदेवानंद सरस्वतीजी बद्रीनाथ स्थित ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य हैं। हालांकि, इनके शंकराचार्य बनाए जाने पर विवाद भी रहा है। ज्योतिष मठ की शंकराचार्य की पदवी को लेकर द्वारका पीठ के शंकराचार्य स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती ने हाईकोर्ट में केस दाखिल किया था।
     
  • ट्रस्टी नंबर-3
    जगतगुरु मध्वाचार्य स्वामी विश्व प्रसन्नतीर्थ जी महाराज: कर्नाटक के उडुपी स्थित पेजावर मठ के 33वें पीठाधीश्वर हैं। दिसंबर 2019 में पेजावर मठ के पीठाधीश्वर स्वामी विश्वेशतीर्थ के निधन के बाद पदवी संभाली।
     
  • ट्रस्टी नंबर-4
    युगपुरुष परमानंद जी महाराज: अखंड आश्रम हरिद्वार के प्रमुख हैं। वेदांत पर 150 से ज्यादा किताबें प्रकाशित हो चुकी हैं। इन्होंने साल 2000 में संयुक्त राष्ट्र में आध्यात्मिक नेताओं के शिखर सम्मेलन को संबोधित किया था।
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  • ट्रस्टी नंबर-5
    स्वामी गोविंद देव गिरि जी महाराज: महाराष्ट्र के अहमद नगर में 1950 में जन्म हुआ। रामायण, श्रीमद्भगवद्गीता, महाभारत और अन्य पौराणिक ग्रंथों का देश-विदेश में प्रवचन करते हैं। स्वामी गोविंद देव महाराष्ट्र के विख्यात आध्यात्मिक गुरु पांडुरंग शास्त्री अठावले के शिष्य हैं।
     
  • ट्रस्टी नंबर-6
    विमलेंद्र मोहन प्रताप मिश्रा: अयोध्या राजपरिवार के वंशज हैं। रामायण मेला संरक्षक समिति के सदस्य और समाजसेवी भी हैं। 2009 में बसपा के टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़ा जिसमें उन्हें करारी हार मिली। इसके बाद कभी राजनीति में नहीं आए।
     
  • ट्रस्टी नंबर-7
    डॉ. अनिल मिश्र, होम्योपैथिक डॉक्टर: मूलरूप से अंबेडकरनगर निवासी अनिल अयोध्या के प्रसिद्ध होम्योपैथिक डॉक्टर हैं। वे होम्योपैथी मेडिसिन बोर्ड के रजिस्ट्रार हैं। उन्होंने 1992 में राम मंदिर आंदोलन में पूर्व सांसद विनय कटियार के साथ महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। अभी संघ के अवध प्रांत के प्रांत कार्यवाह भी हैं।
     
  • ट्रस्टी नंबर-8
    कामेश्वर चौपाल, पटना (एससी सदस्य): संघ ने कामेश्वर को पहले कारसेवक का दर्जा दिया है। कामेश्वर चौपाल ने ही 1989 में राम मंदिर में शिलान्यास की पहली ईंट रखी थी। राम मंदिर आंदोलन में सक्रिय भूमिका और दलित होने के नाते उन्हें यह मौका दिया गया है। उन्होंने 1991 में रामविलास पासवान के खिलाफ लोकसभा चुनाव भी लड़ा था।
     
  • ट्रस्टी नंबर-9
    महंत दिनेंद्र दास: अयोध्या के निर्मोही अखाड़े के अयोध्या बैठक के प्रमुख हैं। हालांकि ट्रस्ट की बैठकों में उन्हें वोटिंग का अधिकार नहीं होगा। 

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