Edited By ,Updated: 19 Mar, 2016 09:34 AM
पुलिस की अवाम में इमेज है कि कसूरवार को छोड़ देती है जबकि घूस लेकर बेकसूर को फंसाती है। इसके उलट सौहार्द व इंसानियत की मिसाल पेश करते हुए...
मुजफ्फरनगर: पुलिस की अवाम में इमेज है कि कसूरवार को छोड़ देती है जबकि घूस लेकर बेकसूर को फंसाती है। इसके उलट सौहार्द व इंसानियत की मिसाल पेश करते हुए इंस्पैक्टर धनंजय मिश्र ने गरीब मुस्लिम युवती की शादी कराई। जानसठ कोतवाली में बारात आई और पुलिस ने उसकी मेजबानी की। जनपद की कोतवाली जानसठ में जलालाबाद के गांव लुहारी से बारात आई और पुलिस स्टाफ ने शिद्दत केसाथ बारात की मेजबानी की।
जानसठ निवासी नसीम पुत्र शाहबुद्दीन चाय बेचने का काम करता है। नसीम का कस्बे में अपना कोई मकान भी नहीं है। नसीम के अनुसार उसके 6 बच्चे हैं। वह अपने बच्चों समेत कोतवाली की बगल में ए.बी.एस.ए. कार्यालय के पुराने भवन में ही निवास करता है। नसीम की बड़ी बेटी जसरीन जवान हुई तो उसे उसकी शादी की चिंता सताने लगी।
नसीम ने बताया कि उसने इंस्पैक्टर धनंजय मिश्र से बेटी की शादी में मदद मांगी तो उन्होंने उसकी बेटी की शादी के पूरे खर्च की जिम्मेदारी ले ली। उसके बाद नसीम ने अपनी बेटी का रिश्ता जलालाबाद के गांव लुहारी में आस मोहम्मद पुत्र नूर मोहम्मद के साथ तय किया।
इंस्पैक्टर धनंजय मिश्र ने बताया कि गरीब नसीम की बेटी की शादी कोतवाली परिसर में हुई, जिसमें शादी के दान-दहेज से लेकर खाने आदि का खर्च कोतवाली के समस्त स्टाफ ने अपने वेतन से उठाया। दुल्हन के पिता नसीम ने बताया कि वह अपनी बेटी की शादी इतनी धूमधाम से कभी नहीं कर पाता, पुलिस ने उसके व उसके परिवार के सपने पूरे कर दिए।