Edited By Deepika Rajput,Updated: 11 Sep, 2018 01:19 PM
यूं तो यूपी पुलिस लोगों की मदद के लिए हर वक्त तैयार रहने का दावा करती है, लेकिन इस मामले ने पुलिस के सारे दावों का पोल खोल कर रख दी है। कानपुर में एक मुस्लिम महिला अपने पति के ज्यादतियों की शिकायत करने कल्याणपुर थाने पहुंची।
कानपुरः यूं तो यूपी पुलिस लोगों की मदद के लिए हर वक्त तैयार रहने का दावा करती है, लेकिन इस मामले ने पुलिस के सारे दावों का पोल खोल कर रख दी है। कानपुर में एक मुस्लिम महिला अपने पति के ज्यादतियों की शिकायत करने कल्याणपुर थाने पहुंची। पीड़िता का आरोप है कि दारोगा ने उसे पति से तलाक लेने पर मजबूर कर दिया। इतना ही नहीं पीड़िता से तलाक के राजीनामा पर दस्तखत भी करा लिए गए। वहीं जब मामला उछला तो आलाधिकारी हरकत में आए और डैमेज कंट्रोल करने की कोशिश में लग गए।
दरअसल, आफरीन और जीशान ने 4 साल पहले घर से भागकर ‘लव मैरिज’ की थी। एक महीना पहले परिवार ने शादी को मंजूरी दी तो वे घर आकर रहने लगे। इसके बाद जीशान का मन बदलने लगा और वह आफरीन को तंग करने लगा। वहीं हाल में ही उसने आफरीन के साथ काफी मारपीट की तो मामला पुलिस थाने पहुंच गया। आरोप है कि थाने में मौजूद सीनियर सब इंसपेक्टर कृष्ण कुमार पटेल ने पति- पत्नी को समझाने की बजाय उन्हें तलाक लेने पर मजबूर किया। इसके लिए उसने तलाक राजीनामा लिखवाकर उनके दस्तखत और अंगूठा लगवा लिए।
पुलिस द्वारा आफरीन का जबरिया तलाक कराने की कोशिशों की खबर उसके मायके भी पहुंच गई। बेटी का घर टूटने से बचाने के लिए उसकी मां ने दखल दिया और पुलिस की इस करतूत का खुलकर विरोध किया। पुलिस की यह करतूत मीडिया तक पहुंची तो आला अधिकारी डैमेज कंट्रोल में जुट गए। उन्होंने पीड़िता की अर्जी पर उसके पति के खिलाफ कई धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया।
पुलिस अधीक्षक संजीव सुमन का कहना है कि पीड़ित महिला पुलिस से इस बात की गारंटी चाहती थी कि ससुराल में उसे तंग नहीं किया जाएगा। इसलिए उसे दिलासा देने के तौर पर ‘तलाक-राजीनामा’ लिखवाया गया था।