Edited By Punjab Kesari,Updated: 30 Aug, 2017 12:13 PM
मुस्लिम संगठन राष्ट्रीय मंच ने बकरीद पर जानवरों की कुर्बानी देने का विरोध करते हुए कहा है कि ये कुर्बानी नहीं बल्कि जानवरों का कत्ल है....
लखनऊः मुस्लिम संगठन राष्ट्रीय मंच ने बकरीद पर जानवरों की कुर्बानी देने का विरोध करते हुए कहा है कि ये कुर्बानी नहीं बल्कि जानवरों का कत्ल है। मंगलवार को मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के सदस्यों ने बकरीद के मौके पर जानवरों की कुर्बानी पर कड़ा विरोध जताया।
बता दें कि मुस्लिम राष्ट्रीय मंच यूपी के सह-संयोजक अधिवक्ता खुर्शीद आगा ने कहा कि बकरीद में कुर्बानी को लेकर समाज में अंधविश्वास फैला है। मुसलमान अपने आपको ईमान वाला तो कहता है, लेकिन वास्तव में अल्लाह की राह पर चलने से भ्रमित हो गया है।
उन्होंने कुर्बानी का विरोध करते हुए प्रश्न उठाया कि कुर्बानी जायज नहीं है तो फिर जानवरों की कुर्बानी क्यों दी जा रही है? उन्होंने आयोध्या के विवादित ढांचे का जिक्र करते हुए कहा कि कुरान के अनुसार जहां फसाद हो वहां नमाज अदा नहीं की जा सकती है तो फिर विवादित ढांचे की जगह मस्जिद कैसे बनाई जा सकती है।
वहीं मंच संयोजक ठाकुर राजा रईस ने कहा कि जब हजरत इब्राहिम द्वारा किसी जानवर की कुर्बानी नहीं दी गई तो फिर बकरीद के मौके पर जानवरों की कुर्बानी क्यों दी जा रही है। बकरीद में जानवरों की कुर्बानी के नाम पर जानवरों का कत्ल हो रहा है।
उन्होंने कहा कि रसूल ने फरमाया है कि पेड़-पौधे, पशु-पक्षी अल्लाह की रहमत है। उन पर तुम रहम करोगे तो अल्लाह की तुम पर रहमत बरसेगी। संयोजक सैयद हसन कौसर ने गाय की कुर्बानी को हराम बताते हुए कहा कि 3 तलाक की तरह ही बकरीद के मौके पर जानवरों की कुर्बानी एक कुरीति है।