Edited By Ajay kumar,Updated: 08 Apr, 2020 01:10 PM
बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के सांसद अफजाल अंसारी ने कोरोना वायरस मामले को लेकर ‘‘सांसदों को विश्वास में लिये बगैर'''' उनकी क्षेत्र विकास निधि ‘‘निलम्बित'''' किये...
लखनऊ: बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के सांसद अफजाल अंसारी ने कोरोना वायरस मामले को लेकर ‘‘सांसदों को विश्वास में लिये बगैर'' उनकी क्षेत्र विकास निधि ‘‘निलम्बित'' किये जाने को ‘‘अलोकतांत्रिक'' कदम बताया है। उत्तर प्रदेश की गाजीपुर सीट से बसपा सांसद अंसारी ने बुधवार को कहा कि सरकार ने सांसदों की अगले दो साल की निधि को 'निलंबित' करके उस धन को कोविड-19 के कारण पैदा सूरतेहाल से निपटने में इस्तेमाल करने की बात कही है। उन्होंने कहा कि हालात के मद्देनजर इस पर उंगली नहीं उठायी जा सकती, मगर इसके लिये जो तरीका अपनाया गया, वह अलोकतांत्रिक और तानाशाहीपूर्ण है।
अंसारी ने कहा कि सांसद की निधि उसके क्षेत्र के विकास के लिये होती है और सरकार को यह कदम उठाने से पहले सांसदों को विश्वास में लेना चाहिये था। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा बनाये गये कोविड-19 राहत कोष के लिये सांसदों की निधि से एक करोड़ रुपये लेने की प्रक्रिया अभी पूरी भी नहीं हुई थी कि उनसे पूछे बगैर उनकी निधि को अगले दो साल तक 'निलंबित' किये जाने का आदेश भी जारी कर दिया गया।
उन्होंने कहा कि वह प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर अपनी आपत्ति दर्ज कराएंगे और अगर मुलाकात का मौका मिला, तो वह व्यक्तिगत रूप से भी उनसे अपनी बात कहेंगे। अंसारी ने कहा कि अगर सांसदों की अगले दो साल की निधि का धन लिया जा रहा है तो वह उनके क्षेत्र में ही खर्च होना चाहिये, ताकि उसके व्यय पर सम्बन्धित जनप्रतिनिधि की पूरी नजर रहे और क्षेत्रीय विकास में संतुलन भी बना रहे।