Mother's Day: इन माताओं की कहानी सुनकर आंखों में आ जाएंगे आंसू

Edited By Deepika Rajput,Updated: 13 May, 2018 01:54 PM

बदलते सामाजिक परिवेश के साथ चीजें भी बदलने लगी हैं। यही वजह है कि अब मदर्स डे, फादर्स डे और ना जाने कई तरह के विशेष दिन कुछ लोग अपने तरीके से सेलिब्रेट करते हैं। आज ऐसा ही खास दिन है, मदर्स डे यानी ममता और मातृत्व का दिन।

वाराणसीः बदलते सामाजिक परिवेश के साथ चीजें भी बदलने लगी हैं। यही वजह है कि अब मदर्स डे, फादर्स डे और ना जाने कई तरह के विशेष दिन कुछ लोग अपने तरीके से सेलिब्रेट करते हैं। आज ऐसा ही खास दिन है, मदर्स डे यानी ममता और मातृत्व का दिन। आज की युवा पीढ़ी कुछ अलग अंदाज से इस दिन को सेलिब्रेट करना चाहती है। कोई अपनी मां को सरप्राइज गिफ्ट देता है तो कोई केक काटकर उनको थैंक्यू करता है, लेकिन इन सबसे परे धर्म नगरी काशी में कुछ ऐसी माताएं हैं जिनके लिए शायद मदर्स डे जैसे खास दिन का कोई मतलब नहीं। मदर्स डे पर इन माताओं की कहानी सुनकर आपकी आंखों में भी आंसू आ जाएंगे।
PunjabKesari
बता दें कि, इलाहाबाद की रहने वाली 70 साल की ननकी देवी के पति की लगभग 10 साल पहले मौत हो गई। घर की हालत ठीक ना होने की वजह से 2 बेटों का बर्ताव मां के प्रति बदलता गया। हालात ऐसे हुए कि मां को ना चाहते हुए भी घर के बाहर रात बितानी पड़ती थी। गर्मी, सर्दी, बारिश हर मौसम में घर के बाहर दरवाजे पर मां की रातें कटती थी। आस-पड़ोस के लोगों को तकलीफ होती थी, लेकिन उनके खून को शायद कोई फर्क नहीं पड़ता था। यही वजह है कि किसी फरिश्ते ने ननकी देवी को इलाहाबाद से लाकर वाराणसी के राजकीय वृद्धा आश्रम में छोड़ दिया। जहां वह लगभग 13 माह से अपनी बची हुई जिंदगी को अपनों के बगैर काट रही हैं।
PunjabKesari
वहीं, कुछ ऐसी ही कहानी पटना की रहने वाली मीना देवी की भी है। उन्होंने बताया कि उनके पति की सरकारी नौकरी थी। असमय पति की मौत के बाद उनकी जगह मीना को नौकरी मिली, लेकिन अपनी बेटी की जिंदगी संवारने के लिए उन्होंने वह सरकारी नौकरी उसे दिलवा दी। जिसके बाद बेटी का रवैया ही बदल गया। उनका कहना था कि एक वक्त ऐसा आया कि बेटी ने अपने एक दोस्त के साथ मिलकर उन्हें धोखे से बनारस लाकर छोड़ दिया। 2016 से वह वाराणसी के इस वृद्धा आश्रम को अपना आशियाना बनाकर जिंदगी में मिले कष्ट को भूलकर नई जिंदगी जीने की कोशिश में जुटी हैं।
PunjabKesari
वृद्धा आश्रम के अधीक्षक देव शरण सिंह का कहना है कि यहां पर देश के कोने-कोने से वृद्ध माताएं आकर रह रही हैं। इस वक्त 23 वृद्ध माताएं इस वृद्ध आश्रम में मौजूद हैं और अधिकांश की कहानी इतनी दर्दनाक है कि जिसे सुनकर शायद हर किसी के रोंगटे खड़े हो जाएं। किसी को उनके दामाद और बेटी ने धोखे से जमीन संपत्ति हड़प कर घर से निकाल दिया, तो किसी को उनके बेटों ने बुजुर्ग होने की वजह से घर से बाहर का रास्ता दिखा दिया। वृद्धाश्रम में मौजूद माताओं की यह 2 कहानियां तो सिर्फ समाज को आईना दिखाने के लिए है। 

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!