Edited By Umakant yadav,Updated: 17 Sep, 2021 11:38 AM
उत्तर प्रदेश के कौशांबी जिले से एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसने मां-बेटे के ममतामयी रिश्ते पर ही सवाल खड़े कर दिए हैं। हालांकि, कलयुगी मां की साजिश को पुलिस की सक्रियता ने नाकाम कर दिया। दरअसल, मंगलवार को कलेक्ट्रेट के समीप से एक मां ने प्रेमी के...
कौशांबी: उत्तर प्रदेश के कौशांबी जिले से एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसने मां-बेटे के ममतामयी रिश्ते पर ही सवाल खड़े कर दिए हैं। हालांकि, कलयुगी मां की साजिश को पुलिस की सक्रियता ने नाकाम कर दिया। दरअसल, मंगलवार को कलेक्ट्रेट के समीप से एक मां ने प्रेमी के साथ मिलकर अपने तीन वर्षीय मासूम बेटे का अपहरण करवा दिया था। बेटे के अपहरण का आरोप वह अपने पति पर ही लगा रही थी। अपहरण का मामला पुलिस की नाक के नीचे हुआ था। जिले के एसपी ने आनन फानन में मंझनपुर सीओ के नेतृत्व में एसओजी, सर्विलांस, स्वाट टीम एवं कोतवाली पुलिस की टीम गठित कर बच्चे के बरामदगी के निर्देश दिए। टीमों ने सक्रियता दिखाई। पति के ऊपर अपहरण का आरोप एवं बार-बार बयान बदलने से पुलिस को महिला के ऊपर ही शक हो रहा था। पुलिस ने सर्विलांस टीम की मदद ली तो बच्चे की लोकेशन जिले में ही मिल रही थी। लेकिन पुलिस को लोकेशन एक स्थान पर मिल रही थी। ऐसे में पुलिस को काफी फजीहत हो रही थी। पर टीम को गुरुवार को बच्चे की सटीक लोकेशन समदा के पास मिली। टीम ने मौके पर पहुंच कर बच्चे को आरोपी के साथ शकुसल बरामद कर लिया।
आरोपी को मंझनपुर कोतवाली लाकर पूछताछ किया तो आरोपी ने बताया कि बच्चे की मां से उसका प्रेम संबंध है। मां ने बच्चे के अपहरण की साजिश रची थी। बच्चे के अपहरण का आरोप महिला अपने पति पर लगाकर उसे जेल भेजवाने की कोशिश कर रही थी। पति के जेल जाने के बाद वह खुद अपने प्रेमी के साथ रहने की योजना बना चुकी थी। लेकिन पुलिस की संजीदगी ने महिला के प्लान को चौपट कर दिया। पुलिस ने महिला एवं उसके प्रेमी के खिलाफ अपहरण सहित अन्य गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कर जेल भेज दिया।
करारी के किंग नगर मोहल्ला निवासी जगदीश प्रसाद की मां जगपति को पेंशन मिलती है। मंगलवार को जगदीश अपनी पत्नी शालू और तीन साल के बेटे साहिल को बाइक पर बैठाकर मंझनपुर आया। कलेक्ट्रेट परिसर के बाहर हैंडपंप के समीप वह बेटे व पत्नी को छोड़कर बीओबी की शाखा विकास भवन में पेंशन की जानकारी लेने चला गया। शालू अपने तीन साल के बेटे के साथ हैंडपंप के समीप बैठी थी। इसी बीच बेटे को मोबाइल देकर शालू लघुशंका के लिए चली गई। दो मिनट बाद वह लौटकर आई तो देखा कि बेटा गायब है। आस-पास खोजबीन करने के बाद उसने शोर मचाना शुरू किया। तमाम लोग इकट्ठा हो गए। सूचना पुलिस को दी गई। पुलिस ने कलेक्ट्रेट, डायट, डायट मैदान, बीएसए दफ्तर, विकास भवन और जिला कचहरी को खंगालना शुरू किया। बालक का कही नहीं पता चल सका। लेकिन पुलिस ने 36 घण्टे में मासूम बच्चे को सकुशल बरामद कर लिया।