कुशीनगर में बोले मोरारी बापू- मैं मोक्ष दाता नहीं राहदाता हूं, चलो पाओ

Edited By Tamanna Bhardwaj,Updated: 27 Jan, 2021 10:21 AM

morari bapu said in kushinagar  i am not a giver

उत्तर प्रदेश के कुशीनगर में जाने माने कथा वाचक मुरारी बापू ने कहा कि साधु के तीन रूप हैं, हाल मस्त, माल मस्त व चाल मस्त। जो तीनों स्थिति में मस्त होता है उसे कमाल मस्त कहते हैं। साधु अनुवाद नहीं अनुनाद करता है। इसका अर्थ है मन व वाणी से एक होना। जो...

कुशीनगर: उत्तर प्रदेश के कुशीनगर में जाने माने कथा वाचक मुरारी बापू ने कहा कि साधु के तीन रूप हैं, हाल मस्त, माल मस्त व चाल मस्त। जो तीनों स्थिति में मस्त होता है उसे कमाल मस्त कहते हैं। साधु अनुवाद नहीं अनुनाद करता है। इसका अर्थ है मन व वाणी से एक होना। जो बोले वह मन में प्रतिष्ठित हो। इसे ही बंगाली में अनुघोष भी कहते हैं। अनुवाद में विरोध होता है, जबकि अनुनाद में विरोध नहीं होता है। रामकथा के चौथे दिन मंगलवार को मोरारी बापू ने कहा कि निर्वाण उपनिषद में निर्वाण शब्द की विस्तृत व्याख्या है। उपनिषद में गगन सिद्धांत की चर्चा है। भगवान बुद्ध अपने शिष्य आनंद के साथ जब कुशीनारा (कुशीनगर) आ रहे थे तब उन्होंने कहा कि था ‘‘ मैं मोक्ष दाता नहीं राहदाता हूं, चलो पाओ। एक मत निरालंब की है, जिसका अर्थ है कि कोई सहारा नहीं है।'' मोरारी बापू ने कहा कि मेरी व्यासपीठ भी निरालंब है। जिसके जीवन में कोई समस्या और संदेह न हो वह ऋषि है। चौथे दिन कथा व्यास ने रामचरित मानस के शिव चरित्र का वर्णन किया।

मानस निर्वाण की चर्चा के दौरान ही कथा व्यास ने शिव चरित्र की कथा शुरू की। कथा व्यास ने सुनाया कि प्रयागराज में कुंभ के दौरान भारद्वाज ऋषि ने याज्ञवल्क्य से पूछा था कि राम कौन हैं। इस पर उन्होंने राम की कथा सुनाई थी। त्रेता युग में भगवान शिव ने कुंभज ऋषि से यही कथा सुनी थी। कथा सुनने के लिए भगवान शिव माता सती के साथ कुंभज ऋषि के आश्रम में पहुंचे। ऋषि ने भगवान शिव व माता सती की पूजा की। इससे माता सती के मन में संशय पैदा हो गया। कथा में उनका मन नहीं रमा। कथा समाप्त होने पर कैलाश लौटते समय रास्ते में भटक रहे राम को देखकर शिव ने प्रणाम किया। यह देख सती को फिर संशय हुआ। भगवान शंकर ने बताया कि यही मेरे आराध्य हैं। संशय वश माता सती ने सीता का रूप धारण कर राम की परीक्षा ली। राम ने सती को पहचान लिया।

भगवान शिव ने भी अपने योग बल से इस घटना को देख लिया। इसके बाद कैलाश पहुंचकर महेश्वर समाधि में लीन हो गए। 86 हजार वर्ष बाद जब उनकी समाधि टूटी तो माता सती की हालत देखकर वे भी दु:खी हो गए और वहीं अपने सम्मुख बैठाकर राम कथा सुनाई थी। इस बीच रामकथा के पांचवें दिन कथा स्थल पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आगमन की सूचना मिली है। इसके लिए प्रशासन ने तैयारी शुरू कर दी है। कार्यक्रम स्थल से 200 मीटर दूर बने पार्किंग स्थल पर मुख्यमंत्री का हेलीकाप्टर उतरेगा। इसके लिए सफाई समेत अन्य तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है।

आयोजकों के अनुसार बुधवार की सुबह 11 बजे मुख्यमंत्री कुशीनगर पहुंचेगे। वे यहां एक घंटे तक रामकथा में शामिल होने के उपरांत वापस लौटेंगे। कथा वाचक मोरारी बापू ने गणतंत्र दिवस के अवसर पर अपनी कुटिया के सामने ध्वजारोहण किया। इसके बाद व्यास पीठ पर आते ही सभी भारतवाशियों को गणतंत्र दिवस की हार्दिक बधाई दी। मोरारी बापू ने दुनिया के अन्य देशों में गए भारतीयों को भी गणतंत्र दिवस की बधाई दी। इसके अलावा पद्मश्री व पदम भूषण समेत अन्य पुरस्कार पाने वाले सभी लोगों को बधाई दी।

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