Edited By Anil Kapoor,Updated: 27 May, 2018 01:17 PM
केंद्र में मोदी सरकार के 4 साल पूरे हो चुके हैं और इस अवसर पर आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता संजय सिंह का यह कहना है कि यह सरकार हर मोर्चे पर बुरी तरह से फेल रही है। प्रदेश प्रवक्ता वैभव महेश्वरी का कहना है कि अपने किए हुए वादों में से मोदी...
लखनऊ: केंद्र में मोदी सरकार के 4 साल पूरे हो चुके हैं और इस अवसर पर आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता संजय सिंह का यह कहना है कि यह सरकार हर मोर्चे पर बुरी तरह से फेल रही है। प्रदेश प्रवक्ता वैभव महेश्वरी का कहना है कि अपने किए हुए वादों में से मोदी सरकार ने एक काम भी नहीं किया है। भाजपा सरकार का धारा 370, करप्शन, कालाधन आदि पर यू टर्न याद किया जाता है, नोटबंदी जैसा मूर्खतापूर्ण फैसला लेकर देश के आम आदमी की कमर तोड़ दी गई। टैक्स रिफार्म के नाम पर जी.एस.टी. को एक कठिन रूप में लाकर देश के व्यापारियों का रहा सहा सुकून भी छीन लिया।
मोदी सरकार के आने के बाद पैट्रोल डीजल सबसे महंगा हुआ है जबकि मोदी सरकार सत्ता में आने से पहले यह कहती थी कि पैट्रोल-डीजल के दाम कांग्रेस की सरकार से भी कम कर देगी। हैरान करने वाली बात यह है की इंटरनेशनल बाजार में कच्चे तेल की कीमत कम है और भारत में तेल की कीमत आसमान छू रही है। 100 स्मार्ट सिटी की बात हुई थी परन्तु आज एक भी स्मार्ट सिटी नहीं है। पिछले 4 सालों में जितने भी दंगे-फसाद, समाज को बांटने और देश का माहौल बिगाड़ने की कोशिशें हुई हैं उसमें मोदी सरकार, भाजपा और इसके साथी संगठनों का खुला और सीधा हाथ रहा है।
इसी के साथ आम आदमी पार्टी के यूथ विंग के तुषार श्रीवास्तव व वंश राज दुबे का मानना है कि प्रधानमंत्री अपने 4 साल के कार्यकाल में या तो विदेशी दौरों में व्यस्त रहे या फिर अपनी पार्टी के लिए चुनाव प्रचार करते रहे। उनकी सभी योजनाएं जैसे की स्किल इंडिया, मेक इन इंडिया आदि सुपर फ्लॉप साबित हुई हैं। यूथ विंग के प्रशांत पांडेय और वैष्णवी राज मिश्र का कहना है कि मोदी सरकार के कार्यकाल में हजारों किसानों की आत्माहत्या ने यह साबित कर दिया कि जनता की हालत और भी दयनीय हो गई है। 2 करोड़ रोजगार देने का वादा करके बेरोजगारी को उलटा चरम पर ला दिया गया है। बीते 4 सालों में देश में बेरोजगारी की दर में वृद्धि हुई है, साथ ही स्थायी नौकरियों की संख्या में भी भारी कमी आई है।
यू.पी.ए. शासनकाल से लंबित चले आ रहे भूमि अधिग्रहण के मुद्दे पर भी मोदी सरकार बीते 4 सालों में कोई ठोस कदम नहीं उठाई पाई है। किसान अपनी जमीन के उचित मुआवजे की मांग को लेकर सरकार पर हमलावर हैं। वहीं ऊंची विकास दर बनाए रखने के लिए सरकार पर उद्योगों को सस्ती और सुलभ जमीन उपलब्ध कराने का दबाव है। इस मुद्दे को लेकर पार्टी और सरकार के भीतर भी सहमति नहीं है।
संजय सिंह ने कहा कि गांवों के विकास के लिए 11 अक्तूबर 2014 को शुरू की गई आदर्श सांसद ग्राम योजना भी परवान नहीं चढ़ पाई है। इस योजना के तहत मोदी ने देश के सभी सांसदों से एक-एक गांव को गोद लेकर विकास करने का आह्वान किया था। पी.एम. के आह्वान पर सांसदों ने गांव तो गोद ले लिए लेकिन बड़ी संख्या में इन गांवों में ग्रामीणों की मूलभूत जरूरत के अनुसार भी विकास कार्य नहीं कराए। कुल मिला कर खुद ही अपनी उपलब्धियों के ढोल पीट रही यह सरकार जनता के ऊपर एक बोझ बन कर रह गई है।