Edited By Ruby,Updated: 16 Oct, 2018 12:25 PM
राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष रिजवी ने केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार तुष्टिकरण की नीति अपनाने के बजाय जमीनी स्तर पर योजनाओं का क्रियान्वयन करने पर जुटी है जिसके सार्थक परिणाम सामने आये हैं। रिजवी ने पत्रकारों कहा कि मोदी सरकार पिछली सरकारों...
लखनऊः राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष रिजवी ने केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार तुष्टिकरण की नीति अपनाने के बजाय जमीनी स्तर पर योजनाओं का क्रियान्वयन करने पर जुटी है जिसके सार्थक परिणाम सामने आये हैं।
रिजवी ने पत्रकारों से कहा कि मोदी सरकार पिछली सरकारों की तरह तुष्टिकरण पर विश्वास नहीं करती है बल्कि अल्पसंख्यक समुदाय विशेषकर मुसलमानों के सशक्तिकरण पर काम कर रही है। दरअसल जागरूकता के अभाव में समाज का यह वर्ग शिक्षा, स्वास्थ्य और विकास की दौड़ में पीछे छूट गया है। सरकार अल्पसंख्यकों के लिए चालू की गई तमाम योजनाओं के क्रियान्यन पर पैनी नजर रखे हुए है।
कल्याणकारी योजनाओं को जिला एवं ब्लाक स्तर तक लागू किए जाने के लिए केन्द्र तमाम राज्य सरकारों के संपर्क बनाए हुए है। उन्होंने कहा कि आजादी के बाद पहली बार देश के 308 जिलों में अल्पसंख्यक समाज विशेषकर लड़कियों की शिक्षा के लिए मूलभूत सुविधाये मुहैया कराने की दिशा में जोरशोर से काम हो रहा है। मोदी सरकार के प्रयासों का नतीजा है कि अल्पसंख्यक विशेषकर मुस्लिक लड़कियों का स्कूल ड्रापआउट रेट 70-72 फीसदी से घटकर 35-40 फीसदी रह गया है। सरकार इसे जीरो प्रतिशत करने की दिशा में तेजी से काम कर रही है।
उन्होंने कहा कि सरकार की कवायद के सार्थक परिणाम सामने आने लगे हैं। देश में इस साल सबसे ज्यादा एक लाख 75 हजार श्रद्धालुओं ने हज यात्रा की जो अब तक के इतिहास में सबसे ज्यादा है। दिलचस्प है कि इस बार मुस्लिम महिलाओं ने भी बगैर मर्द के हज यात्रा में शिरकत की। सरकार ने 45 साल से ज्यादा उम्र की महिलाओं को दो या अधिक के झुंड में हज जाने की अनुमति प्रदान की थी। देश में सबसे ज्यादा महिला हज यात्रियों की तादाद केरल से रही।