Edited By Deepika Rajput,Updated: 01 Oct, 2018 12:11 PM
2019 के लोकसभा चुनावों को भले ही अभी कुछ समय हो, लेकिन राजनीतिक पार्टियां अभी से सक्रिय हो गई हैं। सभी पार्टियां जीत के लिए कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती। वहीं केंद्र में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी विपक्षी दलों को धूल चटाने के इरादे से तैयारियों में...
लखनऊः 2019 के लोकसभा चुनावों को भले ही अभी कुछ समय हो, लेकिन राजनीतिक पार्टियां अभी से सक्रिय हो गई हैं। सभी पार्टियां जीत के लिए कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती। वहीं केंद्र में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी विपक्षी दलों को धूल चटाने के इरादे से तैयारियों में लगी हुई है। जिसके चलते उन्होंने जमीनी फीडबैक जुटाना शुरू कर दिया है।
इसके लिए लोकसभा क्षेत्रों के लिए बनी संचालन समितियों की बैठक शुरू हो रही है। प्रदेश में 19 स्थानों पर बैठक होगी। एक बैठक में औसतन चार से पांच लोकसभा क्षेत्रों की संचालन समिति के लोग शामिल हो रहे हैं। वहीं विपक्ष भी लोकसभा चुनाव में विजय हासिल करने के लिए हर लामबंद कोशिश कर रहा है। इसी के चलते संगठन को मजबूती देने के लिए 3 से 9 तक समाजवादी पार्टी बूथ प्रभारियों व कमेटियों के सम्मेलन होंगे। इसमें मतदाता सूचियों के पुन निरीक्षण समिति संगठनात्मक सक्रियता पर चर्चा होगी।
बता दें कि, 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने उत्तर प्रदेश में सहयोगी दल के साथ 42 प्रतिशत मत हासिल कर 73 सीटों पर कब्जा किया था, लेकिन उपचुनाव में मिली हार ने बीजेपी को अपनी रणनीति नए सिरे से बनाने के लिए विवश कर दिया है।