Edited By Tamanna Bhardwaj,Updated: 23 Apr, 2020 07:54 PM
कई बार कुछ प्राइवेट डॉक्टर जल्द पैसा कमाने के चक्कर में अपने पेशे को पैसा कमाने की मशीन समझ लेते हैं। बात अगर डॉक्टरों की हो तो उनका दर्जा भगवान के बाद माना जाता है, लेकिन...
उन्नावः कई बार कुछ प्राइवेट डॉक्टर जल्द पैसा कमाने के चक्कर में अपने पेशे को पैसा कमाने की मशीन समझ लेते हैं। बात अगर डॉक्टरों की हो तो उनका दर्जा भगवान के बाद माना जाता है, लेकिन कुछ डॉक्टर पैसा कमाने में इतने व्यस्त हैं कि किसी की जान पर भी बनाए तो उससे फर्क नहीं पड़ता है। ताजा मामला उन्नाव का है। जहां संचालित बाल रोग विशेषज्ञ कहलाने वाले डॉक्टर राजीव खरे ने एक ऐसा कारनामा कर डाला जो डॉक्टरी के पेशे को बदनाम करता है।
मामला उन्नाव शहर की सदर कोतवाली के अंतर्गत आदर्श नगर का है, जहां वर्षों से संचालित बाल रोग विशेषज्ञ कहलाने वाले डॉक्टर राजीव खरे ने बीते दिन एक मासूम को एक्सपायरी इंजेक्शन लगवाया और साथ ही अपने क्लीनिक में बनाए मेडिकल स्टोर से दो एक्सपायर इंजेक्शन और दे दिए। बच्चे के परिजनों ने वहां इंजेक्शन की तारीख पर ध्यान नहीं दिया। बच्चा जैसे ही घर आया उसकी तबीयत बिगड़ने लगी घरवालों ने दिए गए इंजेक्शन पर नजर दौड़ाई तो उनके पैरों के तले से जमीन खिसक गई। इंजेक्शन में मैन्युफैक्चरिंग डेट एक्सपायर हो गई थी।
वहीं आनन फानन में परिजन बच्चे को गंभीर हालत में जिला अस्पताल लाए जहां उसे भर्ती कराया गया और उसका इलाज चल रहा है। एक्सपायरी इंजेक्शन की शिकायत करने पहुंचे परिजनों को डॉक्टर ने खूब धमकाया। जिसके चलते गरीब परिजन अपने बच्चे को लेकर शहर के जिला अस्पताल पहुंचे जहां बच्चे का इलाज करा रहे हैं। वहीं प्राइवेट क्लीनिक चला रहे डॉक्टर राजिव खरे के खिलाफ जिला प्रशासन से कार्रवाई की बात करने की बात कह रहे हैं।
वहीं जब मीडिया ने इस पूरे मामले पर उन्नाव स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारीयों से बच्चे के बारे में व लापरवाही बरतने वाले डॉक्टर राजीव खरे के बारे में पूछा तो स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी इस पूरे मामले से अपना पल्ला झाड़ते नजर आए।