Edited By Moulshree Tripathi,Updated: 16 Jun, 2020 07:00 PM
कोरोना वायरस का संक्रमण उत्तर प्रदेश में चरम पर है। ऐसे में सरकार व वॉरियर्स तक लगातार इस खतरनाक वायरस को लेकर लापरवाही न करने की सलाह दे रहे हैं। लेकिन प्रदेश के मेरठ जिला में बड़ी लापरवाही...
मेरठः कोरोना वायरस का संक्रमण उत्तर प्रदेश में चरम पर है। ऐसे में सरकार व वॉरियर्स तक लगातार इस खतरनाक वायरस को लेकर लापरवाही न करने की सलाह दे रहे हैं। लेकिन प्रदेश के मेरठ जिला में बड़ी लापरवाही का मामला सामने आया है। जहां इस बात को नजरअंदाज करते हुए कि कोरोना संक्रमित व्यक्ति के शव में भी वायरस की उपस्थिति बरकरार रहती है। जिले में एक युवक से ही कोरोना से मृत उसके जीजा का शव सील कराया गया। लापरवाही की हद तो तब हो गई जब उन्हें पीपीई किट तक नहीं दी गई। दो कर्मचारी जो पीपीई किट पहने थे वह रूम के बाहर खड़े रहे।
दरअसल सूरजकुंड श्मशान गृह में अपने जीजा के अंतिम संस्कार के लिए आए प्रतापगढ़ निवासी युवक ने बताया कि उसे और जीजा के बड़े भाई को पहले वार्ड से शव को स्ट्रेचर पर लेकर खुद डेड बॉडी रूम में लाने को कहा गया।
युवक ने बताया कि वहां पर सात शव पहले से रखे थे। दुर्गंध उठ रही थी। दो कर्मचारी जो पीपीई किट पहने थे वह रूम के बाहर खड़े रहे। उन्होंने शव को हाथ तक नहीं लगाया। कर्मचारियों ने उनसे कहा कि वह खुद शव को सील करें। मुंह में अंगौछा और मास्क लगाकर उनसे संक्रमित शव को सील किया। युवक ने बताया कि स्टाफ सीधे मुंह बात नहीं करता है। कहते हैं तुम नहीं करोगे तो दूसरा कौन हाथ लगाएगा। कहा उसे जीजा के शव को सील करने में कोई गुरेज नहीं है लेकिन सावधानी जरूरी थी। हमें भी पीपीई किट दी जानी चाहिए थी।
युवक ने आगे बताया कि बताया कि उसके जीजा दिल्ली की ट्रांसपोर्ट कंपनी में ट्रक चालक थे। शामली में उनका अक्सर आना जाना होता है। शामली में ट्रक से माल लाने के बाद ही उनकी तबियत खराब हो गई थी, जिसके बाद उन्हें मेडिकल कालेज में भर्ती कराया गया था। भर्ती होने के दूसरे ही दिन उनकी मौत हो गई। परिवार में बहन और दो छोटे बच्चे हैं।