Edited By Tamanna Bhardwaj,Updated: 09 May, 2020 03:20 PM
बसपा सुप्रीमो मायावती ने लॉकडाउन के बाद खुले उद्योगों में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराने के दौरान श्रमिकों से 12-12 घंटा काम करने का जोरदार शब्दों में विरोध किया है। मायावती ने शनिवार को 4 ट्वीट करते हुए कहा कि श्रमिकों का शोषण बर्दाश्त नहीं होगा...
लखनऊः बसपा सुप्रीमो मायावती ने लॉकडाउन के बाद खुले उद्योगों में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराने के दौरान श्रमिकों से 12-12 घंटा काम करने का जोरदार शब्दों में विरोध किया है। मायावती ने शनिवार को 4 ट्वीट करते हुए कहा कि श्रमिकों का शोषण बर्दाश्त नहीं होगा। श्रमिकों का पहले ही बुरा हाल है। आठ के स्थान पर 12 घंटे काम लेने की शोषणकारी व्यवस्था पुन: देश में लागू करना अति-दु:खद व दुर्भाग्यपूर्ण है।
पहले ट्वीट में मायावती ने लिखा कि कोरोना प्रकोप में मजदूरों/श्रमिकों का सबसे ज्यादा बुरा हाल है, फिर भी उनसे 8 के बजाए 12 घण्टे काम लेने की शोषणकारी व्यवस्था पुनः देश में लागू करना अति-दुःखद व दुर्भाग्यपूर्ण। श्रम कानून में बदलाव देश की रीढ़ श्रमिकों के व्यापक हित में होना चाहिये ना कि कभी भी उनके अहित में।
दूसरा ट्वीट लिखा कि जबकि परमपूज्य बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर ने श्रमिकों के लिए प्रतिदिन 12 नहीं बल्कि 8 घण्टे श्रम व उससे ज्यादा काम लेने पर ओवरटाइम देने की युगपरिवर्तनकारी काम तब किया था जब देश में श्रमिकों/मजदूरों का शोषण चरम पर था। इसे बदलकर देश को उसी शोषणकारी युग में ढकेलना क्या उचित?
तीसरे ट्वीट में लिखा कि देश में वर्तमान हालात के मद्देनजर श्रम कानून में ऐसा संशोधन करना चाहिये ताकि खासकर जिन फेक्ट्री/प्राइवेट संस्थानों में श्रमिक कार्य करते हैं वहीं उनके रूकने आदि की व्यवस्था हो। किसी भी स्थिति में वे भूखे ना मरे और ना ही उन्हें पलायन की मजबूरी हो ऐसी कानूनी व्यवस्था होनी चाहिये।
मायावती ने चौथे ट्वीट में लिखा कि वैसे तो अभी काम का पता नहीं है परन्तु सरकारें बेरोजगारी व भूख से तड़प रहे करोड़ों श्रमिकों/मजदूरों के विरुद्ध शोषणकारी डिकटेट लगातार जारी करने पर तत्पर हैं, यह अति-दुखद व सर्वथा अनुचित जबकि इस कोरोना के संकट में इन्हें ही सबसे ज्यादा सरकारी मदद व सहानुभूति की जरूरत है।