Edited By Ramkesh,Updated: 07 Sep, 2021 02:33 PM
उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले सभी दल प्रबुद्ध वर्ग को अपने पाले में करने की कोशिश कर रहे हैं। इसी क्रम में आज बसपा प्रमुख मायावती ने लखनऊ में प्रबुद्ध वर्ग सम्मेलन को संबोधित किया। प्रबुद्ध वर्ग यह सम्मेलन का आखिरी चरण था। इस दौरान मंच पर...
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले सभी दल प्रबुद्ध वर्ग को अपने पाले में करने की कोशिश कर रहे हैं। इसी क्रम में आज बसपा प्रमुख मायावती ने लखनऊ में प्रबुद्ध वर्ग सम्मेलन को संबोधित किया। प्रबुद्ध वर्ग यह सम्मेलन का आखिरी चरण था। इस दौरान मंच पर ब्राह्मण समाज को लुभाने के लिए हर-हर महादेव के नारे और मंत्रोच्चार का भी प्रयोग किया गया। मायावती ने इस दौरान दलित वर्ग की तारीफ करते हुए कहा कि पार्टी के कठिन दौर के बावजूद भी उन्होंने साथ नहीं छोड़ा। उन्होंने भाजपा पर हमला बोलते हुए कहा कि बसपा से जुड़े लोगों को भाजपा गुमराह करने का काम कर रही है। परंतु जनता किसी भी प्रलोभन में नहीं आने वाले हैं।
उन्होंने कहा कि बीजेपी ने किसानों का वोट लेते हुए वादा किया था कि आमदनी दो गुना बढ़ा दी जाएगी। लेकिन ऐसा नहीं हुआ है। मायावती ने कहा कि बीएसपी की सरकार बनी तो तीन नए कृषि कानून लागू नहीं होने देंगे। मायावती ने कहा कि मैं कोरोना काल में जानबूझकर लखनऊ से नहीं निकली, क्योंकि ऐसा करने पर कार्यकर्ताओं पर कोरोना नियमों के उल्लंघन का मामला दर्ज हो जाता। मायावती ने कहा कि मैं मोहन भागवत से पूछना चाहती हूं कि आरएसएस-बीजेपी मुसलमानों के साथ सौतेला रवैया क्यों अपनाती है?
मायावती ने कहा कि हर स्तर पर ब्राह्मण समाज का शोषण होता है। बीएसपी से जुड़े लोग गुमराह नहीं होंगे। ब्राह्मण समाज भी किसी के बहकावे में न आए, हम उनको निराश नहीं होने देंगे। सपा और बीजेपी की सोच ही पूंजीवादी है। बसपा की कथनी और करनी में अंतर नहीं है। उन्होंने अपने शासनकाल की तारीफ करते हुए ब्राह्मण समाज से अपील करते हुए एक बार फिर बसपा की सरकार बनाने की अपील की।