Edited By Tamanna Bhardwaj,Updated: 31 May, 2019 01:46 PM
लोकसभा चुनाव के नतीजों ने ये साफ कर दिया है कि यूपी में गठबंधन का जादू नहीं चला है। करानी हार मिलने के बाद बसपा प्रमुख मायावती ने 3 जून को दिल्ली में बैठक बुलाई है। जिसके बाद से ऐसे कयास लगने शुरु हो गए हैं कि मायावती गठबंधन के भविष्य को लेकर...
लखनऊः लोकसभा चुनाव के नतीजों ने ये साफ कर दिया है कि यूपी में गठबंधन का जादू नहीं चला है। करारी हार मिलने के बाद बसपा प्रमुख मायावती ने 3 जून को दिल्ली में बैठक बुलाई है। जिसके बाद से ऐसे कयास लगने शुरु हो गए हैं कि मायावती गठबंधन के भविष्य को लेकर कोई बड़ा फैसला कर सकती हैं। 10 सीटें मिलने के बावजूद मायावती चुनावों के नतीजों से नाराज हैं।
इस बैठक में नवनिर्वाचित सांसद, लोकसभा प्रत्याशी, जोन इंचार्ज सहित सभी जिलाध्यक्ष बुलाए गये हैं। इस बैठक में हार की समीक्षा भी की जाएगी। साथ यूपी में होने वाले उपचुनाव की रणनीति बनाई जाएगी।
उधर, पार्टी के विरोध काम करने वालों के खिलाफ मायावती लगातार कार्रवाई कर रही हैं। जिसके चलते मायावती ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश में कई सीटों पर पार्टी विरोधी काम करने और विपक्षी उम्मीदवारों के पक्ष में माहौल बनाने के आरोप में पार्टी के पूर्व विधायक इकबाल अहमद ठेकेदार को पार्टी से निष्कासित कर दिया है। बताया जा रहा है कि विधायक बसपा प्रत्याशी की जगह नसीमुद्दीन सिद्दीकी का समर्थन कर रहे थे।