Edited By Ruby,Updated: 22 Feb, 2019 01:25 PM
लखनऊः बसपा सुप्रीमो मायावती की मुश्किलें थमने का नाम नहीं ले रही है। स्मारक घोटाले की जांच शुरू होने के बाद अब सीबीआई ने यूपी लोकसेवा आयोग (यूपीपीएससी) में वर्ष 2010 में हुई अपर निजी सचिव भर्ती की भी जांच शुरू कर दी है। वहीं सीबीआई ने जांच शुरू करते...
लखनऊः बसपा सुप्रीमो मायावती की मुश्किलें थमने का नाम नहीं ले रही है। स्मारक घोटाले की जांच शुरू होने के बाद अब सीबीआई ने यूपी लोकसेवा आयोग (यूपीपीएससी) में वर्ष 2010 में हुई अपर निजी सचिव भर्ती की भी जांच शुरू कर दी है। वहीं सीबीआई ने जांच शुरू करते हुए अज्ञात अफसरों पर प्रारंभिक रिपोर्ट (पीई) भी दर्ज की है।
दरअसल, 2010 में मायावती के शासन काल में यूपी लोकसेवा आयोग (यूपीपीएससी) में अपर निजी सचिव भर्ती हुई। आरोप था कि यूपीपीएससी के कुछ अधिकारियों ने न्यूनतम अर्हता पूरी न होने के बावजूद कई लोगों की भर्ती कर ली। मानकों की अनदेखी कर जिनकी भर्ती की गई, उनमें सचिवालय में तैनात कई निजी सचिवों के नजदीकी रिश्तेदारों के नाम सामने आए। अयोग्य उम्मीदवारों का चयन करने के लिए परीक्षकों पर भी उनके प्राप्तांक में फेरबदल करने का दबाव बनाया था। उक्त भर्ती में लोकसेवकों के करीबी रिश्तेदारों को तरजीह देने का आरोप है। यह सभी अधिकारी 2007 से 2012 तक मुख्यमंत्री रहीं मायावती के दौर में सत्ता के करीबी माने जाते थे।
सीबीआई सपा शासनकाल (2012-2017) के दौरान आयोग में हुई भर्तियों की जांच कर रही है। जांच के दौरान यह शिकायत मिली कि 2010 में अपर निजी सचिवों की भर्ती में भी घालमेल हुआ है। यह भर्ती जांच के दायरे में नहीं थी, इसलिए सीबीआई के अपर निदेशक एके शर्मा ने इसके लिए मुख्य सचिव को पत्र लिखा था। तब राज्य सरकार ने इसकी सीबीआई जांच की सिफारिश की। जांच एजेंसी ने जांच व पूछताछ के बाद पीई दर्ज की है। सीबीआई इस प्रकरण में संबंधित लोगों को नोटिस जारी कर औपचारिक पूछताछ व साक्ष्य जुटाने की कवायद शुरू करेगी।