Edited By Ruby,Updated: 04 Aug, 2019 10:26 AM
लखनऊ: बसपा प्रमुख मायावती ने गुजरात सरकार की पुस्तकों में बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर के नारे को विकृत कर पढ़ाए जाने पर सवाल किया और कहा कि यह कांग्रेस की तरह भाजपा के दलित विरोधी चेहरे को उजागर करता है। उन्होंने उसमें तत्काल सुधार करने ...
लखनऊ: बसपा प्रमुख मायावती ने गुजरात सरकार की पुस्तकों में बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर के नारे को विकृत कर पढ़ाए जाने पर सवाल किया और कहा कि यह कांग्रेस की तरह भाजपा के दलित विरोधी चेहरे को उजागर करता है। उन्होंने उसमें तत्काल सुधार करने की मांग की।
मायावती ने ट्वीट कर लिखा कि, ''शिक्षित बनो, संघर्ष करो, संगठित रहो' बाबा साहेब डॉ. आंबेडकर का वह अमर वाक्य है, जो करोड़ों दलितों व पिछड़ों को आगे बढ़ने की प्रेरणा व शक्ति देता है। परंतु गुजरात सरकार की पुस्तकों में उसे गलत पढ़ाया जा रहा है, जो कांग्रेस की तरह बीजेपी के आंबेडकर व दलित-विरोधी चेहरे को बेनकाब करता है।'' एक अन्य ट्वीट में उन्होंने कहा, ‘‘दलित अत्याचार व उत्पीड़न के जघन्य अपराधों के साथ-साथ गुजरात भाजपा सरकार के इस षडयंत्रकारी कदम का तीव्र विरोध स्वाभाविक है। डॉ.आंबेडकर के ऐतिहासिक नारों/उद्धरणों को तोड़मरोड़ कर पढ़ाने का बसपा तीव्र विरोध करती है और उसे तत्काल वापस लेने की मांग करती है।''
मायावती का यह बयान उन मीडिया रिपोर्ट के बाद आया है जिसके मुताबिक गुजरात में पांचवी कक्षा की एक किताब में कहा गया है, ‘‘बाबा साहेब का कथन है- शिक्षित बनो, संगठित बनो और स्वावलंबन ही सच्ची सहायता है ।'' गुजरात के एक आंबेडकरवादी संगठन ने भी पाठ्यपुस्तक में संविधान निर्माता भीमराव आंबेडकर के नारे में कथित ‘फेरबदल' को लेकर अपना विरोध जताया है।