माया-योगी के खिलाफ कार्रवाई करने पर बोला SC, आखिर चुनाव आयोग को मिल गई शक्ति

Edited By Anil Kapoor,Updated: 16 Apr, 2019 01:17 PM

mayawati jolts from sc on the election commission denial of hearing

सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव प्रचार अभियान के दौरान कथित तौर पर नफरत भरे भाषण देने के लिए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, बसपा सुप्रीमो मायावती और अन्य नेताओं के खिलाफ निर्वाचन आयोग की कार्रवाई पर मंगलवार को संतोष व्यक्त किया

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव प्रचार अभियान के दौरान कथित तौर पर नफरत भरे भाषण देने के लिए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, बसपा सुप्रीमो मायावती और अन्य नेताओं के खिलाफ निर्वाचन आयोग की कार्रवाई पर मंगलवार को संतोष व्यक्त किया और कहा कि आखिर आयोग को शक्ति मिल ही गई। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की पीठ ने बसपा सुप्रीमो मायावती के चुनाव प्रचार करने पर निर्वाचन आयोग द्वारा लगाए 48 घंटे के प्रतिबंध को चुनौती देने वाली याचिका पर विचार करने से भी इनकार कर दिया। पीठ ने मायावती के वकील से कहा कि निर्वाचन आयोग के फैसले के खिलाफ अलग से अपील दायर करें।

PunjabKesari

निर्वाचन आयोग की कार्रवाई का संज्ञान लेते हुए शीर्ष अदालत ने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि निर्वाचन आयोग ‘‘जाग गया’’ है और उसने विभिन्न नेताओं को अलग-अलग समय तक चुनाव प्रचार करने से रोक दिया है। पीठ ने स्पष्ट किया कि अभी इसमें आगे किसी और आदेश की जरुरत नहीं है। कोर्ट की फटकार के बाद निर्वाचन आयोग ने सोमवार की दोपहर को आदित्यनाथ, मायावती, आजम खान और केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी के खिलाफ कार्रवाई की। पीठ संयुक्त अरब अमीरात के शारजाह स्थित प्रवासी भारतीय योग प्रशिक्षक हरप्रीत मनसुखानी की जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही है।

PunjabKesari

याचिका में निर्वाचन आयोग को उन राजनीतिक दलों के खिलाफ ‘‘सख्त कार्रवाई’’ करने के निर्देश देने की मांग की गई है जिनके प्रवक्ता आम चुनावों के लिए मीडिया में जाति एवं धर्म के आधार पर टिप्पणियां करते हैं। शीर्ष अदालत ने चुनाव प्रचार के दौरान मायावती और योगी आदित्यनाथ के कथित रूप से विद्वेष फैलाने वाले भाषणों का संज्ञान लेते हुए आयोग से जानना चाहा था कि उसने अभी तक क्या कार्रवाई की। इससे पहले आयोग ने इस मामले में खुद को ‘दंतविहीन’ बताया था। पीठ ने आयोग से कहा था कि आप बताएं कि आप क्या कर रहे हैं। हमें बताए कि आपने क्या कार्रवाई की है।’’ पीठ ने आयोग के एक प्रतिनिधि को मंगलवार की सुबह साढ़े 10 बजे पेश होने का निर्देश भी दिया था। हालांकि, पीठ ने आयोग के इस कथन पर गौर करने का निश्चय किया था कि उसके पास चुनाव प्रचार के दौरान जाति एवं धर्म को आधार बना कर विद्वेष फैलाने वाले वाले भाषणों से निबटने के लिए सीमित अधिकार है।

PunjabKesari

आयोग के वकील का कहना था कि ‘‘इस संबंध में आयोग के अधिकार बहुत ही सीमित हैं। हम नोटिस देकर जवाब मांग सकते हैं परंतु हम किसी राजनीतिक दल की मान्यता खत्म नहीं कर सकते और न ही किसी प्रत्याशी को अयोग्य करार दे सकते हैं। हम सिर्फ सलाह जारी कर सकते हैं और यह अपराध दोबारा होने पर शिकायत दर्ज कर सकते हैं। न्यायालय के सख्त रूख के चंद घंटों के भीतर ही निर्वाचन आयोग हरकत में आया और उसने दोनों नेताओं की सांप्रदायिक टिप्पणियों के लिए कड़े शब्दों में निंदा की और उन्हें चुनाव प्रचार से रोक दिया। आयोग ने आदित्यनाथ को 72 घंटे और बसपा सुप्रीमो मायावती को 48 घंटे के लिये चुनाव प्रचार से बाहर कर दिया। इसके बाद आयोग ने कुछ अन्य नेताओं के खिलाफ भी इसी तरह की कार्रवाई की थी।

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!