Edited By Ruby,Updated: 08 Feb, 2019 05:34 PM
लखनऊ: भाजपा ने मायावती और उनकी पार्टी बसपा के चुनाव चिह्न हाथी की मूर्तियां लगवाने पर आया खर्च सरकारी खजाने को लौटाने संबंधी उच्चतम न्यायालय की टिप्पणी के बाद कहा कि मायावती ने सरकारी धन का दुरूपयोग किया है और उनका गरीबों-दलितों से कोई सरोकार नहीं...
लखनऊ: भाजपा ने मायावती और उनकी पार्टी बसपा के चुनाव चिह्न हाथी की मूर्तियां लगवाने पर आया खर्च सरकारी खजाने को लौटाने संबंधी उच्चतम न्यायालय की टिप्पणी के बाद कहा कि मायावती ने सरकारी धन का दुरूपयोग किया है और उनका गरीबों-दलितों से कोई सरोकार नहीं है।
भाजपा प्रवक्ता चंद्रमोहन ने कहा,‘‘उच्चतम न्यायालय के निर्देश से स्पष्ट हो गया है कि बसपा की सरकार का जन कल्याण, गरीबों और दलितों से कोई सरोकार नहीं था। मायावती ने सरकारी धन का दुरूपयोग कर मूर्तियां लगवायीं।‘‘ उन्होंने कहा कि मूतर्तियों में खर्च हुए धन को जमा कराने का काम अब बुआ-बबुआ (मायावती और सपा प्रमुख अखिलेश यादव) मिलकर करें। चंद्रमोहन ने कहा कि मायावती अपनी मूर्ति इसलिए लगा रही थीं क्योंकि वह‘आत्ममुग्धता’की शिकार थीं। उन्होंने कहा,‘‘मायावती को पता था कि उन्हें कोई याद नहीं रखेगा इसलिए अपनी मूर्तियां लगवाईं।
उल्लेखनीय है कि उच्चतम न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की पीठ ने एक अधिवक्ता की याचिका पर सुनवाई के दौरान टिप्पणी की है,‘‘हमारी राय है कि मायावती को अपनी और अपनी पार्टी के चुनाव चिह्न की मूर्तियां बनवाने पर खर्च हुआ सार्वजनिक धन सरकारी खजाने में वापस जमा करना होगा।