Edited By Deepika Rajput,Updated: 13 Jan, 2019 09:59 AM
समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के साथ ताजा तरीन गठबंधन के बाद बहुजन समाज पार्टी (बसपा) (Bahujan samaj party) सुप्रीमो मायावती (Mayawati) के उत्तर प्रदेश के इटावा से लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections) मैदान में उतरने को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म...
इटावाः समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के साथ ताजा तरीन गठबंधन के बाद बहुजन समाज पार्टी (बसपा) (Bahujan samaj party) सुप्रीमो मायावती (Mayawati) के उत्तर प्रदेश के इटावा से लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections) मैदान में उतरने को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया है।
समाजवादी गढ़ के तौर पर विख्यात इटावा को बसपा संस्थापक एवं मायावती के राजनीतिक गुरु कांशीराम (Kanshiram) की कर्मभूमि के तौर पर जाना जाता है। वर्ष 2019 के संसदीय चुनाव में बीजेपी (BJP) को केंद्र की सत्ता मेें दोबारा आने से रोकने की दिशा में उत्तर प्रदेश में बसपा और सपा के बीच हुए गठबंधन के ऐलान के साथ ही मायावती के इटावा से संसदीय चुनाव लड़ने की संभावनाए जताई जाने लगी है।
बसपा अध्यक्ष वीपी. सिंह ने इस बाबत कहा कि जहां तक बहन जी के इटावा से संसदीय चुनाव लड़ने का सवाल है तो पार्टी की ओर से जो भी निर्णय हो उसका हर कार्यकर्ता पूरी तरह से पालन करेगा। उनका मानना है कि मायावती ने सपा का सहयोग करने का जो निर्णय लिया है उसके दूरगामी परिणाम निश्चित तौर पर आने वाले वक्त में देखने को मिलेंगे।
वहीं सपा जिलाध्यक्ष गोपाल यादव का कहना है कि 2019 में बसपा-सपा की जुगलबंदी से सांप्रदायिक शक्तियों का निश्चित ही सफाया हो जाएगा। दोनों दलों के मिलकर चुनाव लड़ने से निश्चित है कि सांप्रदायित ताकतों को रोकने में कामयाबी मिलेगी।