Edited By Anil Kapoor,Updated: 22 Jul, 2019 12:58 PM
चंद्रयान-2 मिशन से मथुरा का भी नाता जुड़ गया है। मथुरा के एक युवा वैज्ञानिक को इसरो ने इस अभियान का साक्षी बनने के लिए आमंत्रित किया है। मथुरावासियों के लिए यह गौरव का क्षण है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान केंद्र जब अपने महत्वाकांक्षी मिशन चंद्रयान-2 को...
मथुरा: चंद्रयान-2 मिशन से मथुरा का भी नाता जुड़ गया है। मथुरा के एक युवा वैज्ञानिक को इसरो ने इस अभियान का साक्षी बनने के लिए आमंत्रित किया है। मथुरावासियों के लिए यह गौरव का क्षण है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान केंद्र जब अपने महत्वाकांक्षी मिशन चंद्रयान-2 को लांच करेगा तब नासा के तमाम प्रमुख वैज्ञानिकों सहित विश्व के अन्य कई जाने-माने वैज्ञानिकों के बीच कृष्ण की पावन स्थली का एक युवक भी अपने परिवार के साथ वहां मौजूद होगा।
जनपद के प्रमुख समाजसेवी अनुज गर्ग के परिवार को यह गौरव उनके पुत्र की वजह से प्राप्त हुआ है। युवा वैज्ञानिक आयुष गर्ग रक्षा और विज्ञान के क्षेत्र में लगातार कई सफल रिसर्च कर चुके हैं। मोदी सरकार की महत्वपूर्ण योजना के एक पार्ट चंद्रयान-2 में ऑर्बिटर, लैंडर और रोवर हैं। इस मिशन की एक खास बात यह भी है कि इसके ऑर्बिटर, लैंडर और रोवर भारत में ही बने हैं। चंद्रयान-2 का सबसे खास मकसद चंद्रमा की सतह पर पानी की खोज करना है। लॉन्चिंग के तकरीबन 2 महीने बाद 3.84 लाख किलोमीटर की यात्रा पूरी करके चंद्रयान-2 चांद पर पहुंचेगा।
इसरो पहले इसे गत सोमवार रात 2 बजकर 51 मिनट पर श्रीहरिकोटा (आंध्र प्रदेश) से लांच करने वाला था लेकिन तकनीकी कारणों से तब चंद्रयान-2 की लांचिंग को टाल दिया गया। चंद्रयान-2 के साथ ही भारत की नजर अब वीनस (शुक्र) और सूर्य तक है। भारत अगर इस मिशन में कामयाब होता है तो वह चांद की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग करने वाले देशों की फहरिस्त में शामिल हो जाएगा। अब तक चांद की सतह पर अमरीका, रूस और चीन सॉफ्ट लैंडिंग कर चुके हैं। चंद्रमा पर पहुंचने के बाद चंद्रयान-2 का रोवर जिसे ‘प्रज्ञान’ नाम दिया गया है वह पृथ्वी के 14 दिनों तक परीक्षण करेगा। चंद्रयान-2 के अलावा भारत का अगला सबसे बड़ा मिशन गगनयान है जिसके तहत 2022 तक मानव को अंतरिक्ष में भेजना है।