Edited By Anil Kapoor,Updated: 07 Jul, 2018 10:15 AM
राष्ट्रीय लोकदल के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. मसूद अहमद ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा उप्र में धीरे-धीरे लोकतंत्र समाप्त करने का प्रयास किया जा रहा है, क्योंकि अपने भाषणों और अधिकारियों की बैठकों में उनकी भाषा लोकतांत्रिक न होकर तानाशाही...
लखनऊ: राष्ट्रीय लोकदल के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. मसूद अहमद ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा उप्र में धीरे-धीरे लोकतंत्र समाप्त करने का प्रयास किया जा रहा है, क्योंकि अपने भाषणों और अधिकारियों की बैठकों में उनकी भाषा लोकतांत्रिक न होकर तानाशाही प्रतीत होती है। उप्र के पुलिस अधिकारियों को गोली चलाने की खुली छूट देकर मुख्यमंत्री ने तानाशाही का सजीव प्रमाण प्रस्तुत किया है और विगत एक साल के अन्दर 58 अपराधियों को पुलिस द्वारा मौत के घाट उतार दिया गया। इस प्रकरण की सर्वोच्च न्यायालय में याचिका भी दायर हो चुकी है।
डॉ. अहमद ने कहा कि अब मुख्यमंत्री की ही भाषा प्रदेश की नौकरशाही भी बोलने लगी है, यही कारण है कि वरिष्ठ आईएएस प्रभात कुमार अपने अधीनस्थ कर्मचारियों से कहते हैं कि ठीक से नौकरी करो,नहीं तो इस्तीफा दे दो। सम्पूर्ण प्रदेश के पुलिस अधिकारी एवं थाना इंजार्च खुद को ही डीजीपी समझकर जनता से व्यवहार कर रहे हैं। यह कहना अप्रासंगिक न होगा कि पुलिस तंत्र सरकार की तानाशाही का अच्छा माध्यम है तथा सरकार चारों ओर भय का वातावरण इसी के माध्यम से बना रही है।
नोटबंदी के बाद से हजारों फैक्ट्रियां बंद हो चुकी हैं, बिल्डिंग मैटीरियल के दाम आसमान छू रहे हैं, जिससे भवन निर्माण का कार्य न के बराबर हो रहा है। परिणाम यह है कि मजदूर भुखमरी की मार झेल रहे हैं। विभागों में चारों ओर भ्रष्टाचार की शिकायत मिलना आम बात हो गई है। इससे सिद्ध होता है कि इस सरकार में भय, भूख और भ्रष्टाचार को निरन्तर बढ़ावा मिल रहा है। रालोद प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि राष्ट्रीय लोकदल के पदाधिकारी और कार्यकर्ता जन जागरण अभियान के माध्यम से प्रदेश के कोने-कोने में सरकार की इन नीतियों को उजागर करेंगे और जनता की भलाई के लिए राष्ट्रीय उपाध्यक्ष जयंत चौधरी के निर्देशानुसार सड़कों पर उतरने के लिए हर समय तैयार रहेंगे।