Edited By Deepika Rajput,Updated: 30 Jun, 2018 03:29 PM
देश के ग्रामीण इलाकों को मुख्य मार्गों से जोड़ने की केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजना को उत्तर प्रदेश का एक गांव मुंह चिढ़ा रहा है। बुंदेलखंड के झांसी मुख्यालय से महज 5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित मंडोरा गांव तक पहुंचना अपने आप में एक बड़ी चुनौती...
झांसीः देश के ग्रामीण इलाकों को मुख्य मार्गों से जोड़ने की केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजना को उत्तर प्रदेश का एक गांव मुंह चिढ़ा रहा है। बुंदेलखंड के झांसी मुख्यालय से महज 5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित मंडोरा गांव तक पहुंचना अपने आप में एक बड़ी चुनौती है। इस गांव में विकास की हकीकत से रूबरू होने के लिए या तो आपके पास निजी वाहन होना चाहिए या आपको 4-5 किलोमीटर पैदल आना होगा।
गांव के निवासी रामरतन ने बताया कि गांव की आबादी 5 हजार के आसपास है लेकिन जब से यह गांव बसा है तब से लेकर आज तक यहां पहुंचने के लिए कोई सार्वजनिक साधन नहीं है। ग्रामीणों को 4-5 किलोमीटर पैदल चलकर मुख्य सड़क तक आना पड़ता है। इसके बाद ही जाकर कोई वाहन मयस्सर होता है, जिसकी मदद से वह लोग आगे का रास्ता तय करते हैं।
धनीसिंह का कहना है कि हालात इतने खराब हैं कि रात बिरात अगर किसी की तबीयत बिगड़ जाए तो उस पीड़ित को अस्पताल पहुंचाने में लोगों को जबरदस्त दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। कभी-कभी तो शहर तक पहुंचने के लिए सवारी की कोई व्यवस्था नहीं हो पाने के कारण पीड़ित व्यक्ति रास्ते में या घर पर ही दम तोड़ देता है।