Edited By Tamanna Bhardwaj,Updated: 16 Nov, 2019 02:35 PM
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद राम मंदिर का तो रास्ता साफ हो गया है, लेकिन अब मंदिर को लेकर बनाई जाने वाली ट्रस्ट को लेकर संतों में फूट पड़ गई है। इस बीच संत परमहंस दास और रामजन्म भूमि न्यास के वरिष्ठ सदस्य रामविलास दास वेदांती का ऑडियो वायरल हुआ।...
अयोध्याः सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद राम मंदिर का तो रास्ता साफ हो गया है, लेकिन अब मंदिर को लेकर बनाई जाने वाली ट्रस्ट को लेकर संतों में फूट पड़ गई है। इस बीच संत परमहंस दास और रामजन्म भूमि न्यास के वरिष्ठ सदस्य रामविलास दास वेदांती का ऑडियो वायरल हुआ। जिसके बाद संतों में बवाल मच गया है।
जिसके चलते तपस्वी छावनी के महंत और परमहंस दास के गुरु महंत सर्वेश्वर दास ने महंत परमहंस दास को निष्कासित कर दिया है। उन्होंने कहा कि महंत परमहंस दास का आचरण ठीक नहीं है। पूज्य संत-महंतों पर अशोभनीय टिप्पणी करना संतों का आचरण नहीं है।
उधर, ऑडियो वायरल होने के बाद छोटी छावनी के 2 दर्जन से अधिक संतों ने तपस्वी छावनी पहुंच कर जमकर हंगामा काटा। इसके बाद मौके पर पहुंची पुलिस फोर्स ने महंत परमहंस दास को जिले से बाहर भेज दिया। साथ ही तपस्वी छावनी और हिंदू धाम की सुरक्षा बढ़ा दी। इसके बाद अयोध्या के संतों में जुबानी जंग तेज हो गई।
इस बारे में राम विलास दास वेदांती ने अपना एक वीडियो जारी किया, जिसमें उन्होंने महंत परमहंस दास पर आरोप लगाते हुए कहा कि वायरल आडियो में उनकी आवाज नहीं है। ऑडियो से उनका कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने कहा इस तरह का ऑडियो वायरल करके महंत परमहंस दास उन्हें बदनाम करने का षड्यंत्र रच रहे हैं। उनका कहना है कि मैंने कभी भी पूज्य नृत्य गोपाल दास के लिए ऐसे शब्दों का प्रयोग नहीं किया।
बता दें कि तपस्वी छावनी के महंत परमहंस ने कहा था कि राम जन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष नृत्य गोपाल दास धन और पद की चाह में राम जन्म भूमि न्यास को ही बनाए रखना चाहते हैं और राम मंदिर निर्माण का पैसा इस्तेमाल करते हैं।