Edited By Ramkesh,Updated: 22 Sep, 2021 03:56 PM
महंत नरेंद्र गिरि की मौत मामले में उनके शिष्य बलवीर गिरि अब शक के घेरे में आ रहे है। दरअसल, बलवीर अपने बयानों से बार- बार पलट रहे हैं। पहले तो उन्होंने कहा कि सुसाइड नोट गुरूजी द्वारा लिखा गया है। वहीं अब वे अपने बयान बदलते हुए कहा कि मैं गुरूजी की...
प्रयागराज: महंत नरेंद्र गिरि की मौत मामले में उनके शिष्य बलवीर गिरि अब शक के घेरे में आ रहे है। दरअसल, बलवीर अपने बयानों से बार- बार पलट रहे हैं। पहले तो उन्होंने कहा कि सुसाइड नोट गुरूजी द्वारा लिखा गया है। वहीं अब वे अपने बयान बदलते हुए कहा कि मैं गुरूजी की लिखावट को नहीं पहचानता हूं। महंत बनने के सवाल पर उन्होंने कहा कि परमेश्वर जो जिम्मेदारी मुझे सौंपेगी उसका मै जिम्मेदारी से निवार्वहन करूगा। उन्होंने कहा कि गुरूजी ने कभी अपनी परेशानी को मेरे साथ साझा नहीं किया।
बता दें कि महंत नरेंद्र गिरि की मौत के बाद उनके शिष्य बलवीर गिरि ने दावा किया था कि सुसाइड नोट गुरूजी द्वारा ही लिखा गया है। नोट में हस्ताक्षर गुरुजी के द्वारा किया गया है। उन्होंने कि शिष्य का कर्म होता है कि गुरु के आचरण का पालन करें और उनके बताए हुए सिद्धांतों पर चले। सुसाइड नोट में महंत नरेंद्र गिरि ने बलवीर गिरि को बाघंबरी गद्दी दिये जाने का जिक्र किया है। 11 पेज का सुसाइड नोट में आनंदगिरि, आद्या तिवारी, आनंद तिवारी को मौत का जिम्मेदार ठहराया गया है। वहीं नोट में प्रिय बलवीर गिरि, को निर्देश दिया गया है कि मेरी सेवा में लगे विद्यार्थी जैसे मिथिलेश पांडे, राम कृष्ण पांडे, मनीष शुक्ला, विवेक कुमार मिश्रा, अभिषेक कुमार मिश्रा, उज्जवल द्विवेदी, प्रज्ज्वल द्विवेदी, अभय द्विवेदी, निर्भर द्विवेदी और सुमित तिवारी का ध्यान रखना। जिस तरह से मेरे समय में रह रहे थे, उसी तरह से तुम्हारे समय में रहेंगे।
गौरतलब है कि बलवीर गिरि 2005 में संत बने थे वे अभी निरंजनी अखाड़े के उप महंत हैं और हरिद्वार स्थित बिल्केश्वर महादेव मंदिर की व्यवस्थाएं देखते हैं। फिलहाल अब देखना है कि परमेश्वर क्या फैसला लेता है। पंच परमेश्वर की बैठक को फिलहाल आज स्थगित कर दी गई है। अब 25 सितंबर को पंच परमेश्वर की बैठक की तारीख को तय किया गया है।