Edited By Ajay kumar,Updated: 14 Dec, 2019 05:55 PM
लखनऊ विश्वविद्यालय का माहौल एक तरफ तो पेपर लीक को लेकर गर्माता जा रहा है। वहीं दूसरी तरफ LU के छात्रसंघ चुनाव पर रोक लगाने संबंधी...
लखनऊ: लखनऊ विश्वविद्यालय का माहौल एक तरफ तो पेपर लीक को लेकर गर्माता जा रहा है। वहीं दूसरी तरफ LU के छात्रसंघ चुनाव पर रोक लगाने संबंधी याचिकाओं को याचियों ने स्वयं वापस लेने की गुहार कोर्ट से लगाई है। महत्वपूर्ण है कि इसे लखनऊ हाईकोर्ट की बेंच ने स्वीकार करते हुए याचिकाओं को खारिज कर दिया है। याचिका खारिज होते ही एलयू में छात्रसंघ चुनाव का रास्ता साफ हो गया है।
बता दें कि एलयू के छात्रसंघ चुनाव संबंधी प्रावधान को चुनौती देने वाली एक याचिका पर न्यायालय ने 17 अक्टूबर 2012 को रोक लगा दी थी। कुछ वर्षों में अन्य याचिकाएं भी छात्रसंघ चुनाव को लेकर दाखिल की गईं। इन्हें न्यायालय ने 2012 की याचिका से संबद्ध कर दिया। उक्त सभी याचियों ने अपनी याचिकाएं वापस लेने की अनुमति मांगी इसे न्यायालय ने मंज़ूर करते हुए, सभी याचिकाओं को खारिज कर दिया है।
यह आदेश न्यायमूर्ति एमएन भंडारी व न्यायमूर्ति वीके श्रीवास्तव की खंडपीठ ने वर्ष 2012 में दाखिल हेमंत सिंह, वर्ष 2016 में दाखिल संजय सिंह व वर्ष 2017 में दाखिल विवेक सिंह व हिमांशु सिंह की याचिकाओं पर दिया। याची ने शिक्षण सत्र शुरू करने की तारीख से प्रत्याशियों की उम्र की गणना करने और लिंगदोह समिति की सिफारिशों के मुताबिक चुनाव कराने की मांग की थी।
हालांकि याचिकाएं वापस लिए जाने के बाद न्यायालय का उक्त अंतरिम आदेश समाप्त हो गया है। संजय सिंह, विवेक सिंह व हिमांशु सिंह की याचिकाओं को वापस लिए जाने के अनुरोध के साथ-साथ वर्तमान अकादमिक सत्र अथवा आगामी अकादमिक सत्र के संबंध में याचिका दाखिल करने की छूट दिये जाने की भी मांग की गई, जिसे न्यायालय ने मंज़ूर कर लिया है।