Edited By Ajay kumar,Updated: 27 Nov, 2019 11:27 AM
उत्तर प्रदेश में लंबे समय से नौकरियां हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट का चक्कर लगा रही हैं। कोई भी ऐसी वैकेंसी नहीं है जो बिना कोर्ट के चक्कर लगाए हुई हो। फिर वह चाहे 68500 शिक्षक भर्ती का मामला हो या फिर यूपी पुलिस का।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में लंबे समय से नौकरियां हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट का चक्कर लगा रही हैं। कोई भी ऐसी वैकेंसी नहीं है जो बिना कोर्ट के चक्कर लगाए हुई हो। फिर वह चाहे 68500 शिक्षक भर्ती का मामला हो या फिर यूपी पुलिस का। 69000 शिक्षक भर्ती समेत कई और वैकंसियां अभी भी कोर्ट में लटकी हुई हैं जिसका अभी तक कोई भी हल नहीं निकला है।
अब इसी तरह का एक और मामला सामने आया है। ज्ञात हो कि 14 नवंबर को लखनऊ के पुलिस लाइन में हुई 29 पदों पर भर्ती को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट में इसके खिलाफ याचिका दाखिल की है। ये भर्ती मृतक आश्रितों के परिवार वालों के लिए निकाली गई है जिसमें 29 सब इंस्पेक्टर के पद की पूर्ति को भरने के लिए है। याचिका में सरकार के नए नियम से हो रही भर्ती को चैलेंज किया गया है। नए नियम के तहत अभ्यर्थियों को बेहद कड़े नियम से भर्ती की प्रक्रिया से गुजरना है।
456 अभ्यर्थियों ने लिया हिस्सा
पुलिस लाइन में हुई इस दौड़ में 456 अभियर्थियों ने हिस्सा लिया। जिसमें केवल 29 अभ्यर्थियों को चुना गया। जिसके बाद बचे हुए अभ्यर्थियों ने सरकार के इस तुगलकी नियम के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की।
नये नियम से अभ्यर्थियों को कोई राहत नहीं: विजय गौतम
याचिकाकर्ताओं के वकील विजय गौतम का कहना है अभ्यर्थियों ने सरकार के नए नियम का विरोध किया है। उनका कहना है कि अगर नए नियम से भर्ती भी करनी है तो पद 281 होंगे न कि 29। ऐसे में नौकरी के दौरान हुई मृत्यु के बाद परिवार वैसे ही टूट गया है, ऊपर से नया नियम अभ्यर्थियों को कोई राहत नहीं दे रहा।