Edited By Deepika Rajput,Updated: 14 May, 2019 10:42 AM
प्राचीन काल से अध्यात्म एवं ज्ञान के लिए विख्यात बाबा विश्वनाथ की नगरी वाराणसी पीएम नरेंद्र मोदी के यहां से लोकसभा प्रत्याशी होने के कारण एक बार फिर सबके लिए आकर्षण का केंद्र बनी हुई है। प्रमुख दलों के नेताओं के चुनाव प्रचार में उतरने से इस क्षेत्र...
वाराणसीः प्राचीन काल से अध्यात्म एवं ज्ञान के लिए विख्यात बाबा विश्वनाथ की नगरी वाराणसी पीएम नरेंद्र मोदी के यहां से लोकसभा प्रत्याशी होने के कारण एक बार फिर सबके लिए आकर्षण का केंद्र बनी हुई है। प्रमुख दलों के नेताओं के चुनाव प्रचार में उतरने से इस क्षेत्र में चुनावी माहौल गरमाया हुआ है। 5 विधानसभाओं में बंटे 18, 54,541 मतदाताओं वाले इस लोकसभा क्षेत्र में बीजेपी, कांग्रेस, सपा समेत 18 राजनीतिक दलों के उम्मीदवारों और 8 निर्दलीयों समेत कुल 26 प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं, लेकिन मुख्य मुकालबा बीजेपी के मोदी, कांग्रेस के अजय राय और गठबंधन उम्मीदवार शालिनी यादव के बीच है।
देश को दो पीएम और 7 ‘भारत रत्न' देने वाले वाराणसी लोकसभा क्षेत्र में चुनाव अंतिम चरण में 19 मई को होना है। बीजेपी, कांग्रेस एवं सपा के प्रमुख नेता जोर शोर से चुनाव प्रचार में जुटे हुए हैं। बीजेपी नेता 5 वर्षां में वाराणसी में हुए विकास कार्यों के साथ-साथ राष्ट्रवाद के मुद्दे को उठा रहे हैं, जबकि कांग्रेस एवं सपा नेता बेरोजगारी, मंदिर कोरिडोर निर्माण के लिए कथित तौर पर वहां के प्राचीन मंदिरों को तोड़े जाने, किसानों की बदहाली, जीएसटी एवं नोटबंदी के मुद्दों को उठा रहे हैं। वर्ष 2014 में मोदी ने इस सीट पर 5,81,022 मतदाताओं का समर्थन हासिल कर जीत दर्ज की थी, जबकि दिल्ली के मौजूदा मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल 2,92,038 मत हासिल कर दूसरे और वाराणसी के पिंडरा विधानसभा क्षेत्र से विधायक रहे राय 75,614 मतों के साथ तीसरे स्थान पर रहे थे।
बसपा के विजय प्रकाश जायसवाल को 60,579 मतों के साथ चौथे स्थान से संतोष करना पड़ा था, जबकि 5वें स्थान पर रहे सपा उम्मीदवार कैलाश चौरसिया को 45,294 मत मिले थे। शालिनी यादव राज्यसभा के पूर्व उप सभापति एवं यहां के पूर्व सांसद श्याम लाल यादव की बहू हैं। उन्होंने वर्ष 2018 में कांग्रेस प्रत्याशी के तौर पर वाराणसी के महापौर का चुनाव लड़ा था जिसमें वह दूसरे स्थान पर रही थीं। उन्होंने लोकसभा चुनाव के लिए गत 29 अप्रैल को नामांकन से कुछ दिन पहले ही कांग्रेस छोड़ी और सपा का दामन थामा था।