Loksabha Election 2019: एक नजर कुशीनगर लोकसभा सीट पर

Edited By Ruby,Updated: 15 May, 2019 12:27 PM

loksabha election 2019 kushinagar lok sabha constituency

कुशीनगर:-कुशीनगर लोकसभा की पहचान महात्मा गौतम बुद्ध के महापरिनिर्वाण के स्थली के रूप में है। पूरी दुनिया में बौद्धधर्म को मानने वाले यहां एक बार जरूर आते हैं। कुशीनगर गौतम बुद्ध और गुप्तकाल के कई प्रचीन धरोहरों को अपने आप में समेटे हुए है। इस जिले...

कुशीनगर:-कुशीनगर लोकसभा की पहचान महात्मा गौतम बुद्ध के महापरिनिर्वाण के स्थली के रूप में है। पूरी दुनिया में बौद्धधर्म को मानने वाले यहां एक बार जरूर आते हैं। कुशीनगर गौतम बुद्ध और गुप्तकाल के कई प्रचीन धरोहरों को अपने आप में समेटे हुए है। इस जिले में बौद्ध धर्म से जुड़े हुए कई प्राचीन धरोहर आज भी मौजूद हैं। जिसे देखने के लिए पूरी दुनिया से लोग कुशीनगर पहुंचते हैं। पहले इस संसदीय क्षेत्र को पडरौना के नाम से जाना जाता था, लेकिन 2008 में हुए परिसीमन के बाद कुशीनगर लोकसभा सीट अस्तित्व में आया और 2009 में यहां पहली बार लोकसभा का चुनाव हुआ।

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अगर बात करें इस सीट के राजनैतिक इतिहास की तो यह सीट जब पडरौना सीट थी। तब कांग्रेस नेता आरपीएन सिंह के पिता कुंवर चंद्र प्रताप नारायण सिंह यहां से 1980 और 1984 का चुनाव जीता था। 1952 से लेकर 1984 तक यहां कांग्रेस का दबदबा रहा। कांग्रेस केवर 1977 के चुनाव में हारी थी और यहां जनता दल ने जीत हासिल की 1989 में भी जनता दल ने यहां चुनाव जीता। 1991 से 1999 बीजेपी के राम नगीना मिश्र कमल खिलाते रहे और 2004 में नेशनल लोकतांत्रिक पार्टी के बलेश्वर यादव ने जीत हासिल की थी। 2009 में यह सीट कुशीनगर सीट में बदल गई और यहां कुंवर रतनजीत प्रताप सिंह यानी कि आरपीएन सिंह चुनाव जीते। 2014 के चुनाव में बीजेपी के राजेश पांडेय ने आरपीएन सिंह को चुनाव हराया और एक बार फिर कमल खिलाया। 2019 लोकसभा चुनाव में यहां बीजेपी ने विजय दुबे को अपना प्रत्याशी बनाया है। वहीं गठबंधन के खाते से सपा के पास गई इस सीट पर नथुनी प्रसाद कुशवाहा मैदान में है तो कांग्रेस के आरपीएन सिंह एक बार फिर मैदान में हैं।

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अगर बात करें विधानसभा सीटों की तो इस लोकसभा के अंतर्गत 5 विधानसभा सीटें आती हैं। जिनमें खड्डा, पडरौना, कुशीनगर, हाटा और रामकोला सीटें शामिल हैं। 2017 के विधानसभा चुनाव में 4 सीटें बीजेपी ने और  1 सीट बीजेपी के साथ गठबंधन कर चुनाव लड़ रही सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी ने रामकोला सीट जीती थी। यानी की सभी सीटें बीजेपी के पास ही रही।

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2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव में गोरखपुर सीट पर कुल 17 लाख 36 वोटर 750 अपने मत का प्रयोग करेंगे। जिनमें पुरूष मतदाताओं की संख्या 9 लाख 45 हज़ार 308  है। जबकि महिला वोटरों की संख्या 7 लाख 91 हज़ार 305 है। वहीं ट्रांस जेंडर वोटरों की संख्या 137 है।

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2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी के राजेश पांडेय ने कांग्रेस नेता आरपीएन सिंह को यहां से चुनाव हराया था। इस चुनाव में राजेश पांडेय को कुल 3 लाख 70 हज़ार 51 वोट मिले थे, जबकि दूसरे नंबर पर रहे कुंवर रतनजीत प्रताप सिंह को कुल 2 लाख 84 हज़ार 511 वोट मिले थे। वहीं तीसरे नंबर पर बसपा के डॉ. संगम मिश्रा रहे। संगम मिश्रा को कुल 1 लाख 31 हज़ार 881 वोट मिले थे। 

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बात करें 2009 के लोकसभा चुनाव की तो यहां कांग्रेस नेता कुंवर रतनजीत प्रताप सिंह  ने चुनाव जीता था। आरपीएन सिंह को इस चुनाव में कुल 2 लाख 23 हज़ार 954 वोट मिले थे। दूसरे नंबर पर बसपा के स्वामी प्रसाद मौर्य रहे। स्वामी प्रसाद मौर्य को कुल 2 लाख 2 हज़ार 860 वोट मिले। तीसरे नंबर पर बीजेपी के विजय दुबे रहे। विजय को कुल 1 लाख 62 हज़ार 189 वोट मिले।

 

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